उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बस्ती: पंचायत भवन के निर्माण में सेक्रेटरी ने की जमकर धांधली, सीडीओ ने कही निपटारे की बात

योगी सरकार ने गांव के बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के लिए पंचायत भवन की सौगात दी. इसके लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए. एक-एक गांव में सरकार की ओर से 35 लाख रुपये की लागत से पंचायत भवन बनवाने के आदेश दिए गए. पैसा भी पहुंचे. काम शुरू भी हुआ और फिर समय के साथ निर्माण कार्य धरातल से उठकर कागजों में जाकर समा गया.

पंचायत भवन के निर्माण में सेक्रेटरी ने की जमकर धांधली
पंचायत भवन के निर्माण में सेक्रेटरी ने की जमकर धांधली

By

Published : Dec 12, 2021, 10:18 AM IST

बस्ती:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गांव के बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के लिए पंचायत भवन की सौगात दी. इसके लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए. एक-एक गांव में सरकार की ओर से 35 लाख रुपये की लागत से पंचायत भवन बनवाने के आदेश दिए गए. पैसा भी पहुंचे. काम शुरू भी हुआ और फिर समय के साथ निर्माण कार्य धरातल से उठकर कागजों में जाकर समा गया और पंचायत भवन का काम अनवरत चलता रहा. मगर हकीकत में निर्माण कार्य रुक गया.

सरकारी बजट को पंचायत भवन का प्रसाद समझकर साहब ने गटक लिया और डकार भी नहीं लिए. मामले की जांच विकास वाले बाबू साहब सीडीओ के पास पहुंची तो चेहरे पर गुस्से की झलक के साथ ईमानदारी का ऐसा ढिंढोरा बजाया कि जैसे पंचायत भवन की लूट से साहब पूरी तरह से अनजान है.

पंचायत भवन के निर्माण में सेक्रेटरी ने की जमकर धांधली

पंचायत भवन में घोटाले की यह खबर विक्रमजोत ब्लॉक के सेवरालाला गांव का है, जहां सेक्रेटरी सूरज पांडे ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सरकारी खजाने में ऐसी सेंधमारी लगाई कि ब्लॉक के अफसर भी नहीं समझ पाए. तत्कालीन सेक्रेटरी सूरज पांडे और प्रधान की जोड़ी की जुगलबंदी सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजना पर भारी पड़ी.

इसे भी पढ़ें -बदायूं पशुपालन विभाग की लापरवाही आयी सामने, दो गोवंशों की मौत

सीडीओ को भेजे शिकायत पत्र में दावा किया गया कि सेक्रेटरी ने प्रधानी चुनाव के वक्त बतौर प्रशासक रहते हुए पंचायत भवन के लिए आए पैसों का गबन कर लिया. वहीं, शो पीस बनकर खड़ा सेवरालाला गांव का ये पंचायत भवन किसी काम का नहीं है.

कागज में लगभग 31 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन मौके पर अर्धनिर्मित भवन को देखकर आप खुद समझ सकते है कि दाम के हिसाब से कितना काम किया गया है. सेक्रेटरी सूरज पांडे ने 8 लाख रुपये पंचायत भवन के नाम पर निकाल तो लिया मगर उन पैसों को खर्च नहीं किए.

पंचायत भवन के निर्माण में सेक्रेटरी ने की धांधली

खैर, गांव में प्रधान के बदलते ही घोटालेबाजी का मामला सामने आ गया. इतने में सेक्रेटरी की भी बदली हो गई, तो पुराने प्रधान के कुकर्मों के छीटें नए प्रधान और सेक्रेटरी तक आ पहुंचे. ऐसे में नए प्रधान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और सेक्रेटरी सूरज पांडे के खिलाफ कार्यवाही की मांग की.

फिलहाल इस पूरे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्य विकास अधिकारी राजेश प्रजापति ने पुराने और नए प्रधान व सेक्रेट्री को बुलाकर मामले का निपटारा कराने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर निपटारा नहीं होता है तो फिर दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details