बस्ती: महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भोले बाबा के पौराणिक मंदिर भदेश्वरनाथ धाम में सुबह से ही भक्तों का रेला लगा रहा. रात 2 बजे कपाट खुले और फिर भोलेनाथ का श्रृंगार और आरती हुई. 2.45 बजे से जलाभिषेक शुरू हो गया. लाखों लोगों ने भदेश्वरनाथ धाम में जलाभिषेक किया,
कई पौराणिक कथाओं को समेटे बस्ती का बाबा भदेश्वरनाथ मंदिर पूरे मण्डल की पहचान है. लोक मान्यताओं के अनुसार रावण हर रोज कैलाश जाकर भगवान शिव की पूजा करता था, और वहां से एक शिवलिंग लेकर आता था. उसी दौरान ये शिवलिंग भी रावण कैलाश से लेकर आया था.
रावण ने की थी इस शिव लिंग की स्थापना
मान्यता यह भी है कि इस शिवलिंग को आज तक कोई भी भक्त अपनी दोनों बांहों में नहीं ले सका है. भक्त जब शिवलिंग को अपनी बांहों में लेना चाहते हैं, तो शिवलिंग का आकार अपने आप बड़ा हो जाता है. पिछले कई सालों से शिवलिंग की बनावट में काफी बदलाव हुआ है. लोगों के अनुसार शिवलिंग का आकार पहले बहुत छोटा था, लेकिन अब वह काफी बड़ा हो गया है.
बताया जाता है कि कुछ चोरों ने शिवलिंग की खुदाई भी की, लेकिन काफी खुदाई के बाद भी जब शिवलिंग का अंत नहीं मिला, तब चोर भागने लगे, तो उनकी गाड़ी का पहिया वहीं धंस गया और पत्थर बन गया. जो आज भी मंदिर परिसर में देखा जा सकता है.