बस्ती: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा के बागी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ एक दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लंबी दौड़ लगाने वाले सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का अब हृदय परिवर्तन हो गया है. अभी कुछ महीने पहले तक स्वामी प्रसाद मौर्य को साथ लेकर वह प्रदेश की योगी सरकार को धूल चटाने की बात कर रहे थे. लेकिन, अब ओमप्रकाश राजभर उन्हीं स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हो गए हैं.
ताजा मामले में रामचरितमानस पर स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर ओमप्रकाश राजभर भी नाराज हैं. बस्ती में मीडिया के सामने उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य निशाना साधा. कहा कि मौर्य पहले बसपा में थे, उसके बाद वह राम के शरण में चले गए और भाजपा की सरकार में आ गए. भाजपा सरकार में मंत्री बनने के बाद वे रामचरितमानस पर फूल-माला चढ़ाते रहें. इतना ही नहीं रामचरितमानस के सहारे अपनी बेटी को भाजपा से सांसद भी बनवा दिया. 5 साल भाजपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कभी रामचरितमानस के खिलाफ नहीं बोला और जैसे ही वह समाजवादी पार्टी में आए और सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में नहीं बनी तो चर्चा में बने रहने के लिए वह इस तरीके का बयान दे रहे हैं.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा दिए गए भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के बयान पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि भारत देश संविधान से चलता है और इसे हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार उनका व्यक्तिगत हो सकता है. अगर भारत हिंदू राष्ट्र बनता है तो वह उनसे सवाल पूछते हैं कि क्या भारत में मुस्लिम या ईसाई नहीं रहने पाएंगे. ओपी राजभर ने कहा कि राम रहीम की तरह ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री का भी हश्र होगा.
भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह और कुश्ती के खिलाड़ियों के बीच चल रही तकरार के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. ओमप्रकाश राजभर ने इस दौरान भाजपा सरकार पर निशाना साधा.