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बस्ती में तीन मजदूरों की मौत मामले में खुलासा, सरकारी खाद्यान्न की अवैध बिक्री से जुड़े तार - basti police

यूपी के बस्ती में पिछले दिनों ट्रक की टक्कर से तीन मजदूरों के मौत मामले ने नया मोड़ ले लिया है. तीनों मजदूरों की हत्या कराये जाने की बात सामने आई है. इसमें खाद्यान्न माफिया को दोषी पाते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया है. मामला सरकारी खाद्यान्न की अवैध बिक्री से जुड़ा है.

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ट्रक ड्राइवर और खाद्यान्न माफिया गिरफ्तार.

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Published : Sep 10, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 7:57 PM IST

बस्ती: जिले में पिछले दिनों ट्रक की टक्कर से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी. अब इस मामले ने नया मोड़ लिया है. पुलिस जांच में तीनों मजदूरों की हत्या कराये जाने की पुष्टि हुई है. इस मामले में ट्रक ड्राइवर और खाद्यान्न माफिया को दोषी पाया गया है. पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना के तार सरकारी खाद्यान्न की अवैध बिक्री से जुड़े हुए हैं, जिसकी जांच की जा रही है.

बिहरा गांव के सामने पल्लेदारों को ट्रक से ठोकर मारे जाने के मामले में घटना के बाद गुरुवार को मृतक मजूदर लल्लन निवासी धर्म सिंहपुर के चचेरे भाई जगदीश प्रसाद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था. घायल विकास और जंगबहादुर के बयान के बाद पुलिस ने शुक्रवार से हादसे की जांच, हत्या मानकर शुरू की. आरोपित ट्रक चालक और स्कॉर्पियो लेकर चलने वाले खाद्यान्न माफिया रघुवर सिंह के पकड़े जाने के बाद पूरे घटना का सीन और कहानी बदल गई. एएसपी रविन्द्र सिंह ने बताया कि मामले में गिरफ्तारी करके आगे की कार्रवाई की जा रही है.

जानकारी देते एएसपी.

पुलिस जांच में सामने आया सच
दरअसल, 2 सितंबर की रात 130 बोरी चावल भीटी मिश्र के सरकारी गोदाम से निकालकर हसीनाबाद के आढ़ती प्रेमचंद गुप्ता को बेचा गया था. गौर के सहायक विपणन अधिकारी राम सूरत वर्मा के निजी चालक रघुवर सिंह ही ट्रक के साथ पल्लेदारों को लेकर गए थे. लौटते समय संसारीपुर में पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया. विवाद में ट्रक चालक ने पल्लेदारों की हत्या करने के लिए ठोकर मारी, जिसमें तीन पल्लेदारों की मौत हो गई. जबकि दो घायल हो गए थे. घटना के दो चश्मदीद पल्लेदार जंगबहादुर और विकास के जिला अस्पताल में दिए गए बयान के बाद मामले में नया मोड़ आ गया.

घटना के पीछे सरकारी अनाज की चोरी का मामला उजागर हुआ. हर्रैया के क्षेत्रीय खाद्य विपणन अधिकारी वाल्मीकि सिंह ने तो बकायदा खबर को झूठा करार दिया था. उन्होंने दावा किया वह चावल और पल्लेदार सरकारी गोदाम से जुड़े नहीं हैं. इसके विपरीत पुलिस की जांच में भीटी मिश्र सरकारी गोदाम से चावल निकालने की बात सामने आई.

हालांकि घटना के तीसरे दिन गौर के एसएमआई राम सूरत वर्मा के निजी चालक रघुवर सिंह और ट्रक चालक गणेश शंकर गोस्वामी पकड़े गए, तो सब कुछ सामने आ गया. दोनों के बयान से खाद्य एवं रसद विभाग के दावे की हवा निकल गई है.

घायल पल्लेदार विकास और जंग बहादुर के अलावा पंचम और हृदयराम ने भी सरकारी गोदाम से ही ट्रक में चावल लोड करने और आढ़ती के यहां बेचने की बात बताई थी. हसीनाबाद के आढ़ती प्रेमचंद गुप्ता ने भी पल्लेदारों को ठोकर मारने वाली ट्रक से 130 बोरी चावल क्रय करने की बात स्वीकारी थी. हालांकि उसने मना किया कि वह सरकारी चावल था. अब आढ़ती का गोदाम सील कर दिया गया है. सरकारी खाद्यान्न की चोरी करने और बाजार में बेचने की बात प्रमाणित हो चुकी है. फिर भी संभागीय महकमा सच को स्वीकार नहीं कर पा रहा है.

डिप्टी आरएमओ ने बताया
संभागीय खाद्य नियंत्रक डिप्टी आरएमओ ने बताया कि हसीनाबाद में बेचा गया 130 बोरी चावल सरकारी गोदाम से निकाला गया था. इस बारे में पुलिस की रिपोर्ट उनको नहीं मिली. जिला खाद्य विपणन अधिकारी से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है. मामले में जिनकी भी संलिप्तता होगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Sep 10, 2020, 7:57 PM IST

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