बस्ती : उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसको लेकर अब गांव के प्रधान प्रचार प्रसार में जोर-शोर से जुट गए हैं. वर्तमान प्रधान वोटरों को सहेजने में लगे हैं तो प्रधानी का सपना देख रहे प्रत्याशी पिछले 5 साल में हुए विकास कार्यों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. ऐसे ही एक गांव की तस्वीर से हम आपको आज रूबरू करवाएंगे, जहां पिछले 5 साल में भले ही कोई विकास कार्य न हुआ हो, लेकिन प्रधानी के कार्यकाल के अंतिम 2 दिनों में सरकारी बजट को आसानी से खपा दिया गया.
क्या है पूरा मामला
हमेशा से चर्चाओं में बने रहने वाला कुदरहा ब्लॉक एक बार फिर अपने भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में है. कुदरहा ब्लॉक के इजरगढ़ गांव में विकास कार्यों को बिना करवाए ही ग्राम प्रधान, ग्राम सेक्रेटरी और ब्लॉक अधिकारी की तिकड़ी ने लाखों रुपये का भुगतान कर सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया. इजरगढ़ गांव के एक जागरूक नागरिक विपेंद्र सिंह ने जिलाधिकारी से शिकायत की, कि 2 दिन के अंदर उनके गांव में बिना कार्य कराए ही फर्जी तरीके से लाखों का भुगतान करा लिया गया, जिसमें पंचायत भवन के जुड़े धार के नाम पर 73 हजार खर्च कर लिए गए. गांव के प्राइमरी स्कूल में मानक विहीन टाइल्स के नाम पर 1.49 लाख निकाल लिए गए. स्कूल के बाउंड्री जीर्णोद्धार के नाम पर 64 हजार रुपये और आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण के नाम पर अनियमित तरीके से 1 लाख 72 हजार रुपये निकाले गए. इसमें कार्य के सापेक्ष अधिक भुगतान कर लिया गया है.
83 में से सिर्फ 22 आवास ही बने
शिकायतकर्ता विपेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में कुल 83 आवास आया था, लेकिन अभी तक महज 22 गरीब ही इसका लाभ पाए है. जब कि गांव के अधिकांश लोग पात्र व गरीब हैं. सामुदायिक शौचालय की मरम्मत के नाम पर भी भुगतान करवा लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सेक्रेटरी आनंद सिंह ने 22 दिसंबर को गांव का चार्ज लिया और 25 दिसंबर यानी कि 2 दिन में उसने कार्यो का सत्यापन किए बिना 9 लाख रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया है.
सिर्फ कागजों में बना शौचालय
विपेंद्र सिंह ने बताया कि पंचायत भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. प्रधान ने सिर्फ कागजों में शौचालय बना दिए. ग्रामीणों को पता ही नहीं कि सरकार ने उन्हें शौचालय दे दिया है और प्रधान ने उनके नाम पर धन भी निकाल लिया है. इतना ही नहीं, प्रधान ने खुद के नाम पर भी प्रधानमंत्री शौचालय योजना के खाते से 30 हजार रुपये का न जाने कौन से मद में चेक काट लिया, जिसकी जांच की जानी जरूरी है.