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Published : Oct 14, 2021, 5:56 PM IST

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ईटीवी भारत पर लगी ख़बर तो नींद से जागे अफसर, बस्ती के विक्रमजोत ब्लॉक में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल की जांच के आदेश

बस्ती में जिला विकास अधिकारी खुद लाव लश्कर लेकर मौके पर गांव में भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंचे. बीडीओ, एडीओ पंचायत, सेक्रेटरी, जेई, प्रधान सहित तमाम गांव की जनता भी जांच में मौजूद रही.

भ्रष्टाचार के खेल की जांच के आदेश
भ्रष्टाचार के खेल की जांच के आदेश

बस्तीः जिले में ईटीवी भारत की ख़बर का असर देखने को मिला है. जिला विकास अधिकारी खुद लाव लश्कर लेकर मौके पर गांव में भ्रष्टाचार की जांच करने पहुंचे. सीडीओ ने हवा-हवाई सड़क को देखने की बात की, लेकिन वो बनी हो तब तो दिखाएं, नतीजा उन्हें वो सड़क कहीं नहीं दिखी. जिसके बाद सीडीओ ने भ्रष्टाचारियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

प्रदेश में गांव का विकास प्रधान और ब्लॉक के अधिकारी किस तरह कर रहे हैं. इसको देखना है तो बस्ती जिले के विक्रमजोत ब्लॉक के पुरेदीवान गांव आइए. एडीओ पंचायत, सेक्रेटी, जेई, प्रधान सहित तमाम जनता भी गांव में मौजूद रही. ये गांव भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है, जहां पूर्व प्रधान और अधिकारियों ने हवा-हवाई विकास कर दिया, जो कि धरातल पर है ही नहीं.


दरअसल विक्रमजोत ब्लॉक में चर्चित अफसर संजय नायक ने बतौर बीडीओ का चार्ज लिया. चार्ज लेते ही हमेशा की तरह ये नायक खलनायक की भूमिका के लबादे में आ गया. फिर क्या था मुनादी हुई, दरबार सजाई गई. जिसमें जेई एनडी सिंह और ब्लॉक के कर्मचारियों को तलब किया और कहा कि अपने शहंशाह के खिदमत में दौलत की बरसात करो. फिर क्या था अपने शहंशाह के चरणपादुका का चरणामृत पीकर जेई एनडी सिंह क्षेत्र में निकल पड़ा और अपने लूट का पहला निवाला पुरेदीवानपुर गांव को बना डाला. जहां पर उसने हवाहवाई सड़क बना डाली, जो कागज में तो है. लेकिन धरातल पर अवतरित है ही नहीं. ये जो सड़क थी वास्तव में चकमार्ग था. जिसे भगवती के चक से पिच रोड तक 1लाख 23 हजार की लागत से मिट्टी डालकर उसे ऊंचा करना था. जिससे ग्रामीणों को बरसात में कीचड़ न लगे. लेकिन जेई एनडी सिंह ने पूरी कीचड़ ही गांव वालों पर दे मारी और पैसा चट कर गये.

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इतना ही नहीं ज्ञान का मंदिर कहे जाने वाले नौनिहालों के स्कूल को भी इसने नहीं छोड़ा मिट्टी के नाम पर आया 1 लाख 43 हजार रुपये का धन भी डकार गए. गांव के और दो सड़को के उच्चीकरण में आये मिट्टी के पैसों को भी हमेशा की तरह ब्लॉक के फरेबी अफसर और ब्लॉक के जालसाज बाबूओं ने पचा लिया और बेचारी गांव की गरीब जनता देखती रह गई. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के विकास के नाम पर लोगों ने जमकर सरकारी धन का बंदरबांट किया है और सिर्फ एक ही सड़क नहीं बल्कि पिछले 3 महीने में कई लाख का भुगतान सिर्फ कागज में काम दिखा कर कर लिया गया है.

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