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बस्ती: रोडवेज बस ड्राइवरों की कमी यात्रियों के लिए बनी मुसीबत - बस्ती बस अड्डा

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में डिपो बदलाव की तैयारी में है. बस्ती डिपो जो बसें लंबी दूरी तय करती है, उनमें से कुछ को नौसढ़ से ही वापस करने की योजना बना रही है.

बस्ती बस डिपो.

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Published : Aug 4, 2019, 9:11 AM IST

बस्ती:सुरक्षा की दृष्टि से लंबी दूरी तय करने वाली बसों पर दो चालक अनिवार्य किए जाने पर संकट गहरा गया. इस समस्या से निपटने के लिए बस्ती डिपो बदलाव की तैयारी में है. दरअसल बस्ती डिपो की बसें जो लंबी दूरी तय करती हैं, उनमें से कुछ को नौसढ़ से ही वापस करने की योजना पर विचार चल रहा है. हालांकि इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ जाएगी और डिपो को घाटा भी हो सकता है.

जानाकारी देते एआरएम आरपी सिंह.
  • हाल ही में आगरा-एक्सप्रेस वे पर बस दुर्घटना के बाद निगम ने लंबी दूरी तक जाने वाली खासकर 300 किमी. मीटर से अधिक चलने वाली बस पर दो चालक भेजने का निर्णय लिया है.
  • बस्ती से लखनऊ, गोरखपुर जाने वाली बस्ती डिपो की छह बसें ऐसी है, जिनकी दूरी 600 किमी. से अधिक हो रही है.
  • ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से इन बसों को लखनऊ से बस्ती या गोरखपुर के बजाय नौसढ़ से ही वापस मंगाने की तैयारी है.
  • इससे 300 किलोमीटर का जो मानक है वह मेंटेन रहेगा.
  • बस्ती डीपो में 102 बसे हैं, जिसमें निगम की 86 जबकि अनुबंधित 16 बसे हैं.
  • इन बसों के संचालन के लिए 300 से अधिक चालक चाहिए, लेकिन यहां 192 चालक ही हैं.

300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने वाली बस पर दो चालक तैनात किए जा रहे हैं. लखनऊ-गोरखपुर सेवा में डिपो की छह बसे हैं, जिनकी दूरी 600 किलोमीटर से अधिक हो रही है. इसलिए कुछ बसों को नौसढ़ तक भेजने पर विचार चल रहा है, ताकि कौड़ीराम, बड़हलगंज जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा हो. ड्राइवरों से भी बात की जा रही है.

-आरपी सिंह, एआरएम

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