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एक ऐसा थानेदार...जो न्याय मांगने पर करता है फरियादियों की पिटाई

बस्ती में एक थानेदार की दबंगई से स्थानीय लोग काफी परेशान है. थाने में जब कोई पीड़ित न्याय की गुहार लगाने पहुंचता है तो यह थानेदार उसकी पिटाई कर देता है या उसे वहां से भगा देता है. पीड़ितों का आरोप है कि थानेदार मामले में कार्रवाई करने की बजाए उसे निपटाने में जुट जाता है.

आरोपी दारोगा.
आरोपी दारोगा.

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Published : Jun 13, 2021, 7:48 PM IST

बस्ती:जनपद में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस का एक थानेदार पुलिस महकमे की नाक कटाने पर आमादा है. फरियादी न्याय के लिए जब इस थाने में आते है तो थानेदार दबंगई दिखाते हुए फरियादी का भगा देता है या उसकी पिटाई कर दी. ऐसे ही दो फरियादी ने एसपी आशीष श्रीवास्तव के पास पहुंचकर इस थानेदार की शिकायत की.

मुंडेरवा थाने की थानेदारी संभाल रहे कुंवर सत्येंद्र सिंह पर एसपी बल्कि डीएम के आदेश का भी कोई असर नहीं होता है. मुकदमा दर्ज करने में एसओ की हीलाहवाली और लापरवाही फरियादियों को मजबूर होकर एसपी के दरबार न्याय के लिए पहुंचना पड़ता है.

जानकारी देते परिजन और एसपी.

मामला मुंडेरवा थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का है. जहां दिव्यांग मोहम्मद सईद को मामूली विवाद में रामपुर चौकी प्रभारी चंद्रकांत पांडे अपने साथ ले गए और थर्ड डिग्री का इस्तेमाल कर उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी. इस मामले में जब पीड़ित सईद ने थाने में जाकर कार्रवाई के लिए शिकायत किया तो थानेदार ने उल्टा दिव्यांग मोहम्मद सईद पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया. पीड़ित सईद परिजनों के साथ जाकर डीएम से मेडिकल कराने की गुहार लगाई. तब जाकर डीएम ने पुलिस और स्वास्थ्य टीम को पीड़ित का तत्काल मेडिकल कराने का आदेश दिया. तब जाकर सईद का मेडिकल हो पाया. दारोगा ने 2 जून को सईद की पिटाई की थी. जिसके बाद अब तक उसका मेडिकल नहीं हुआ था.

दूसरा मामला मुंडेरवा थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है. जहां दलित युवक आशीष ने आरोप लगाया कि गांव के दबंगों ने बिना किसी कारण उसकी पिटाई कर दी. न्याय पाने के लिए जब आशीष थाने पहुंचा तो थानेदार ने उसे डांटकर भगा दिया. 2 दिन तक पीड़ित आशीष न्याय की गुहार लगाता पुलिस अफसरों के दफ्तरों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी. एसपी आशीष श्रीवास्तव को जब इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने तत्काल एफआईआर का आदेश दिया तब जाकर एसओ ने पीड़ित की शिकायत दर्ज की.

एसपी आशीष श्रीवास्तव के पीआरओ दुर्गेश ने इन दोनों मामले को लेकर फोन पर बताया कि भगवानपुर प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है. जब कि रामपुर मामले में पीड़ित का मेडिकल करवाकर कार्रवाई का निर्दश दिया गया है.

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