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सरकारी विभागों पर बिजली का करोड़ों बकाया! वसूली में विभाग के छूट रहे पसीने - सरकारी विभागों पर बिजली का बकाया

बस्ती के सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का करोड़ों रुपये की देनदारी हो गई है. नोडल ऑफिसर अधिशासी अभियंता हेमंत कुमार ने बताया कि पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है. विभागों से वसूली के लिए नियमित पैरवी की जा रही है.

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सरकारी विभागों पर बिजली का करोड़ों बकाया

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Published : Jun 3, 2022, 7:21 PM IST

बस्ती: वैसे तो प्रदेश में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है. मगर आम जनता तो बिजली का बिल भर देती है और सरकारी विभाग समय से बिजली का बिल नहीं भर रहे, जिससे बस्ती के सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का करोड़ों रुपये की देनदारी हो गई है.

आरोप है कि ये सरकारी विभाग बिजली का करोड़ों दबाए बैठे हैं. जानकारी के अनुसार जिले के 25 सरकारी विभाग बिजली विभाग का 1,550 लाख रुपये दबाए बैठे हैं. इन विभागों से वसूली में बिजली विभाग के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं. सरकारी विभागों से राजस्व वसूली के जिम्मेदार नोडल ऑफिसर अधिशासी अभियंता हेमंत कुमार ने बताया कि पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है. विभागों से वसूली के लिए नियमित पैरवी की जा रही है. राजस्व वसूली हो रही है.

जानकारी देते चीफ इंजीनियर मनोज अग्रवाल
सरकारी विभागों में सबसे ज्यादा बकाया 592 लाख रुपया पंचायतीराज विभाग पर है. पंचायती राज विभाग को पंचायत सचिवालय, सार्वजनिक शौचालयों, वर्ष 2018 के बाद से परिषदीय विद्यालयों के बिजली का भुगतान करना होता है. बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सर्वाधिक बकायेदार विभागों से वसूली पर ज्यादा फोकस और प्रयास किया जा रहा है.इसके बाद जिन विभागों पर ज्यादा बकाया है, उनमें जल निगम पर 365 लाख, शिक्षा विभाग पर 268 लाख, चिकित्सा विभाग पर 103 लाख, पुलिस विभाग पर 70 लाख, माध्यमिक शिक्षा विभाग पर 24 लाख, विकास विभाग पर 32 लाख, सिंचाई विभाग पर 11 लाख, नगर विकास पर 38 लाख रुपये का बकाया है. चीफ इंजीनियर मनोज अग्रवाल (Chief Engineer Manoj Agarwal) ने इस मामले में बताया कि सरकारी विभागों में बिजली बिल भुगतान की नई व्यवस्था लागू हो रही है. कई विभागों में इस पर अमल भी शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि अब केंद्रीयकृत भुगतान की व्यवस्था हो जाएगी. इसके तहत जिले से संबंधित विभाग का बिल जनरेट करने के साथ ही उस विभाग के एक विशेष कोड पर बिल प्रेषित कर दी जाएगी. प्रदेश भर से बकाया को संकलित कर शक्ति भवन से कंपाइल बिल संबंधित विभाग के निदेशालय को भेज दी जाएगी. वहां से इसका भुगतान होगा. एक साल में दो बार बिल भुगतान की व्यवस्था होगी.

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