बस्ती: सरकारी अस्पतालों को फायर सेफ्टी देने के लिए जिस संस्था को जिम्मेदारी दी गई थी, वह काम कराए बगैर ही सरकारी रकम पर कुंडली मार कर बैठ गई है. सरकारी रकम फंसने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
वित्तीय वर्ष 2017-18 में बस्ती और फैजाबाद के अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम लगना था. बस्ती के जिला अस्पताल, क्षय रोग चिकित्सालय, महिला अस्पताल, ओपेक चिकित्सालय कैली को आग से सुरक्षा के लिए यंत्र लगाने की जिम्मेदारी दी गई. इस कार्य के लिए शासन की ओर से 12 करोड़ 18 लाख रुपये मंजूर किए गए.
बस्ती कमिश्नर ,अनिल सागर . जिला अस्पताल बस्ती के लिए 1.14 करोड़, जिला महिला अस्पताल बस्ती के लिए 83.93 लाख, क्षय रोग चिकित्सालय के लिए 64.68 लाख, ओपेक चिकित्सालय के लिए 1.17 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए हैं. धनराशि अवमुक्त हुए एक वर्ष बीत गया, लेकिन कार्यदायी संस्था ने इन अस्पतालों की अभी तरफ झांका तक नहीं है. इन अस्पतालों में हर दिन काफी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. इसके बावजूद भी इन अस्पतालों में आग से बचाव के उपाय अब तक नहीं किए जा सके हैं.
वहीं बस्ती कमिश्नर अनिल सागर का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है कि कुछ जनपदों के सरकारी अस्पतालों में अग्निशमन यत्र लगने हैं. कार्यदायी सस्था को 6 करोड़ रूपए अवमुक्त कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक अग्निशमन यंत्र लगे नहीं हैं. इस संबंध में जांच करवाई जाएगी कि कार्यदायी संस्थान ने अभी तक काम में क्यों हीलाहवाली की है. अग्निशमन यंत्र लगवाए जाएंगे और कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.