बस्ती: जनपद में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) व जापानी इंसेफ्लाइटिस का कहर कम नहीं हो रहा है. इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित मरीज इस साल भी पाए गए हैं. वहीं विभाग जागरूकता और बचाव के लिए लगातार अभियान चला रहा है पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है.
बस्ती में इंसेफ्लाइटिस और डेंगू का कहर. मरीजों की संख्या में हो रही लगातार बढ़ोतरी
इस साल अब तक एईएस और जापानी इंसेफ्लाइटिस के 28 मरीज आ चुके हैं, जिसमें चार की मौत हो चुकी है. वहीं बीते सालों का आंकड़ा देखें तो 2016 में 109 मरीज पाए गए थे, जिसमें से 20 की मौत हो गई थी. 2017 में इंसेफ्लाइटिस के 186 मरीज थे, जिसमें 26 की जान नहीं बच सकी थी. साथ ही 2018 की बात करें तो इस साल 140 लोग इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित थे, जिसमें से 12 की मौत हो गई थी.
ये भी पढ़ें: बस्ती: मेडिकल कॉलेज को शव की दरकार, प्रशासन बेपरवाह
इंसेफ्लाइटिस के पाए गए 28 मरीज
पूर्वांचल में अभिशाप बन चुकी यह बीमारी कहर बनकर टूट रही है. जनपद के प्रभावित गांव में भले ही स्वास्थ्य टीम पहुंचकर निरोधात्मक कार्रवाई कर रही हो, पर इसका खास असर नहीं दिख रहा है. इस साल भी 4 मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता बहुत नहीं है. इंसेफ्लाइटिस के मरीज 28 हो गए हैं. साथ ही डेंगू के मरीज भी जिले में पाए गए हैं.
ये भी पढ़ें: बस्ती: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने गांव में की जांच, एक करोड़ के घोटाले की आशंका
इंसेफ्लाइटिस प्रभावित गांव में लगातार टीम निगरानी कर रही है. कुछ सालों में यह बीमारी भयावह रूप ले चुकी थी, लेकिन जैसे-जैसे इसके उत्पत्ति का कारण पता चला, हम इसको खत्म कर रहे हैं. पूरे जनपद में निरोधात्मक कार्यवाही की गई है. साथ ही जरूरी दवाएं भी बांटी गई हैं.
-डॉ. अरविंद गुप्ता, सीएमओ, जिला अस्पताल