बस्ती: जनपद में प्राइवेट डॉक्टर गरीब मरीजों का जम कर शोषण कर रहे है. इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी फीस तो लेते हैं, लेकिन उन्हें इसका बिल नहीं देते. साथ ही इसके आड़ में करोड़ों रूपये प्रतिवर्ष इनकम टैक्स की चोरी भी कर रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन नर्सिंग होम और प्राइवेट डॉक्टरों पर नकेल नहीं कस पा रहा है. जनपद में ये खेल खुलेआम चल रहा है, मगर आज तक किसी एक पर भी कार्रवाई नहीं की गई.
मरीजों को नहीं दिया जाता फीस का बिल
दरअसल, बस्ती जनपद में 69 नर्सिंग होम पंजीकृत हैं. उनको बकायदा फर्म के रूप रजिट्रेशन कराया गया है. साथ ही नियम यह भी है कि हर जांच और कन्सल्टिंग फीस की पक्की रशीद मरीज को दी जाए. चाहे डॉक्टर की फीस एक रुपया हो या एक हजार. लेकिन ज्यादातर डॉक्टरों द्वारा जो फीस लिया जाता है, उसका बिल मरीजों को नहीं दिया जाता. सिर्फ पैसा लेकर राजिस्टर में नम्बर लगा दिया जाता है. जबकि यह नियम है कि नर्सिंग होम के नाम पर पक्की बिल मरीज को दिया जाय.
जीएसटी के दायरे से बाहर हैं डॉक्टर
सरकार ने डॉक्टर की फीस व उपचार महंगा न हो और लोगों को दिक्कत न हो, इसलिये डॉक्टर को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है, लेकिन जनपद के डॉक्टर मरीजों से मुहमांगी फीस ले रहे हैं और बिल भी नहीं दे रहे.