बस्ती: जिले में बाढ़ की वजह से घाघरा के किनारे बसे गांव के हजारों लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हैं. कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है और लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हैं. लेकिन सरकारी अव्यवस्था का आलम देखिए, कि 40 साल में कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन एक बांध का निर्माण पूरा न हो सका. इस वजह से हर साल हजारों लोगों को बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है.
चार दशक पहले बनाया गया बांध
आज के चार दशक यानी 40 साल पहले कांग्रेस सरकार में तत्कालीन लोकदल के विधायक सुखपाल पाण्डेय ने 20 किलोमीटर से भी अधिक बी.डी.बांध (बिक्रमजोत-धुंसवा) बांध का निर्माण शुरू कराकर हर्रैया तहसील के सैकड़ों गांवों की लाखों की आबादी को बाढ़ की विभीषिका और जलजमाव से फैलने वाली महामारी से मुक्त किया था.
कटान की समस्या से जूझ रहे कई गांव
बीते चार दशकों में जनता दल, सपा, बसपा, भाजपा फिर बसपा, सपा, भाजपा की सरकारें आईं और गई, मगर आठ किलोमीटर बांध में गैप फिर भी रह गया. हालांकि केशवपुर तक बांध का निर्माण वर्तमान भाजपा सरकार में हुआ तो जरूर, मगर आठ किलोमीटर बांध में से तीन किलोमीटर का परिक्षेत्र आज भी तटबंधविहीन है. नतीजा कल्याणपुर, संदलपुर, भरथापुर, खेमराजपुर, सहजौरापाठक सहित दर्जनों गांव आज भी कटान से मुक्त नहीं हो सके हैं.