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बस्ती: गोशाला बनी गायों की कब्रगाह, जिम्मेदार बोले बजट नहीं

बस्ती जिले के गोशाला में चारे के आभाव में भूख से तड़प कर गाय मर रही हैं. गोशाला कर्मचारियों का कहना है कि गोशालाओं में 8 नवंबर से चारा नहीं है. इस बारे में पूछे जाने पर जिम्मेदार अफसरों को कहना है कि हमारे पास बजट नहीं है.

cows are dying of hunger in absence of fodder in basti
बस्ती के गोशाला में भूख से तड़प रही गायें

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Published : Nov 26, 2019, 9:42 AM IST

बस्ती: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ठंड से बचने के लिए गायों को जूट का कोट पहनाने जा रहे है लेकिन जब गायों को खाने के लाले पड़ रहे हों तो वो कोट पहन कर क्या करेंगी. चारे के अभाव में गायों की हालत बेहद खराब है. गोशालाओं में गाय चारे के लिए तड़प रही है. गायों के नाद सूखे पड़े हैं. उन्हें जीते जी मारा जा रहा है. प्रशासन की अनदेखी कहें या अफसरों की लापरवाही लेकिन बेसहारा पशुओं को गोशाला में रखने की सरकारी मंशा पर बस्ती में पानी फिर रहा है. गोशाला में न तो पशुओं को शरण मिल पा रही और न ही वहां चारा का प्रबंध है. जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि हमारे पास बजट नहीं है. जब बजट का पैसा आ जाएगा, हम व्यवस्थाओं को दुरूस्त करेंगे.

बस्ती के गोशाला में भूख से तड़प रही गायें
बेजुबानों की अब कौन सुनेगा ?सरकार बेसहारा पशुओं के रखने व उनके देखभाल करने के नाम पर पानी की तरह पैसा बहा रही है. बस्ती जिले के जोगापुर गांव में जिले का दूसरा बड़ा गोशाला बनने के बावजूद आज तक वहां अधिकतम 35-36 जानवर ही रखे जा रहे हैं, जबकि 200 पशुओं को रखने की क्षमता है. जो पशु हैं वह भी चारे के लिए तरस रहे हैं. थोड़ा बहुत भूसा है, वह पशुओं को खिलाने के बजाय सिर्फ दिखावे के लिए रखा गया है. एक गाय तो जमीन पर पड़ी भूख से तड़प रही थी. पशुओं की सुरक्षा के लिए गोशाला के चारों तरफ से न तो कंटीले तार की व्यवस्था की गई है, न ही वहां जालियों की. ठंड को देखते हुए भी कोई इंतजाम अब तक नहीं है. बीमार पशुओं का इलाज भी समय से नहीं हो पा रहा है.

भूसे की कमी को दूर किया जाएगा. फिलहाल मामले की जानकारी नहीं है, जिम्मेदार कर्मचारी और अधिकारी से रिपोर्ट मांगी जाएगी. बेसहारा गायों को गोशाला में रखने और उनके लिए चारे का सरकार की तरफ से भरपूर इंतजाम किया जा रहा है.
पीसी मीणा, एसडीएम

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