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बस्ती: कोचिंग सेंटरों में नहीं हैं अग्निशमन यंत्र, खतरे में छात्रों की जान

जिले के कई कोचिंग संस्थान ऐसे हैं, जहां पर अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है, जिससे सूरत जैसा अग्निकांड होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इस मामले में जांच के लिए डीएम राजशेखर ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो 31 मई तक अपनी रिपोर्ट देगा.

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Published : May 26, 2019, 11:19 PM IST

राजशेखर, जिलाधिकारी.

बस्ती:सूरत के कोचिंग सेंटर अग्निकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इसके बाद भी जिले के गली-मोहल्लों से लेकर कांप्लेक्स तक में चल रहे अधिकांश कोचिंग सेंटरों के हालात कुछ ठीक नहीं है. यहां तक कि कौशल विकास सेंटर की भी हालत डरावनी है. चिंगारी भड़की नहीं कि भीषण अग्निकांड तय है.

बस्ती में भी सूरत जैसा हो सकता है बड़ा हादसा.
क्या है पूरा मामला
  • शुक्रवार को सूरत के कोचिंग सेंटर में हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.
  • इस हादसे ने कोचिंग इंस्टीट्यूट में जाने वाले देशभर के बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है.
  • जिले की बात करें तो यहां करीब कई कोचिंग इंस्टीट्यूट ऐसे हैं, जिनमें से अधिकांश के यहां अग्निशमन यंत्र नहीं हैं.
  • कौशल विकास मिशन योजना के तहत हरैया कस्बे मे चल रहे केन्द्र पर अग्शिमन यंत्र मानक के अनुरूप नहीं है.

क्या बोले कोचिंग संचालक...

  • दूसरे और तीसरे मंजिल पर चल रहे इस प्रशिक्षण केन्द्र के संचालक आरबी शर्मा ने बताया कि 248 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन यहां मौके पर अग्शिमन यंत्र नहीं हैं.
  • मीडिया को देखकर संचालक ने इधर-उधर से एक अग्शिमन यंत्र की व्यवस्था की.
  • सूचना के बाद अग्निशमन विभाग भी नींद से जागा और जांच शुरू की.
  • डीएम राजशेखर ने सूरत की घटना को गंभीरता से लेते हुए पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी है.
  • जिलाधिकारी ने टीम को 31 मई तक जांच की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.


कोचिंग सेंटर ही नही बहुमंजिला इमारत, निजी सस्थान व हॉस्पिटल में एग्जिट और इंट्री का रास्ता और आपातकालीन स्थित में सुरक्षा के बेहतर प्रबंध न होने पर उन्हें सील कर दिया जाएगा. पब्लिक की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ बर्दास्त नही किया जाएगा.

-राजशेखर, डीएम, बस्ती

दरअसल, जनपद में बिना एनओसी के 109 कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे है. यहां आग से बचने के कोई प्रबंध नही हैं. इतना ही नहीं, कुछ ऐसे भी केंद्र हैं, जिनके पास एनओसी तो है, लेकिन आग से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है.

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