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बस्ती में विकास के नाम पर लूट का अड्डा बना प्राधिकरण!

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है. यहां अमीर बिना नक्शा पास कराए बड़ी-बड़ी बिल्डिंग खड़ी कर रहे हैं तो वहीं गरीब के घर को एक ईंट रखने पर भी सील कर दिया जा रहा है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई का आश्वासन तो जरूर देते हैं, लेकिन यह कार्रवाई केवल नोटिस जारी करने तक ही सिमट कर रह जाती है. देखें ये रिपोर्ट...

corruption in basti development authority
बस्ती में विकास के नाम पर लूट का अड्डा बना प्राधिकरण.

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Published : Nov 30, 2020, 6:58 PM IST

बस्ती:आज से 4 साल पहले जब बस्ती विकास प्राधिकरण (बीडीए) की घोषणा हुई थी तो शहर वासियों को यह उम्मीद जगी थी कि अब बेतरतीब तरीके से बसा शहर स्वच्छ और सुंदर बनेगा. साथ ही प्राधिकरण के दायरे में आने वाले शहर वासियों को अच्छी सुविधाएं भी मिलेंगी, लेकिन जब से विकास प्राधिकरण की स्थापना हुई तब से आज तक इस विभाग की तरफ से शहर में कोई भी काम नहीं किया गया. बल्कि शहरवासियों से उल्टा नक्शे के नाम पर बेतहाशा वसूली की जाने लगी. बस्ती विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार की जड़ें इस कदर जम चुकी है कि यहां अमीर और गरीब के लिए दो कानून चल रहा है. अमीर है तो वह शहर में एक दो नहीं, बल्कि 6 माले की इमारत खड़ी कर ले रहा है. वहीं अगर कोई गरीब है, जो अपने पुराने घर में एक ईंट भी रखना शुरू करता है तो उसके घर को सील कर दिया जाता है.

बिना नक्शा पास किए बन रहीं बड़ी-बड़ी इमारतें.

खुल गई भ्रष्टाचार की पोल
ईटीवी भारत के संवाददाता ने शहर में अवैध तरीके से बनाई जा रही बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों का जायजा लिया तो बीडीए में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खुल कर सामने आ गई. एक कहावत है चिराग तले अंधेरा और इसी कहावत को बस्ती विकास प्राधिकरण चरितार्थ करते हुए नजर आ रहा है. बस्ती विकास प्राधिकरण कार्यालय के ठीक सामने शहर की सबसे बड़ी 6 माले की इमारत का बिना नक्शा पास कराए ही अवैध तरीके से निर्माण हो रहा है और बीडीए के अधिकारी हैं कि उन्हें यह अवैध इमारत अदृश्य नजर आती है. इसके अलावा एक प्राइवेट बाइक एजेंसी ने आवासीय नक्शा पास करवा कर कमर्शियल प्रयोग शुरू कर दिया. बकायदा जमीन पर घर बनाने के बजाय प्राधिकरण से मिलकर बाइक एजेंसी खोलकर नियम कानून की धज्जियां उड़ाई गईं.

अवैध निर्माणों पर नहीं पड़ रही बीडीए की नजर
इतना ही नहीं, कटेश्वर पार्क के सामने 3 माले की एक इमारत खड़ी कर दी गई, लेकिन बीडीए के जिम्मेदारों को यह अवैध निर्माण भी नहीं दिखा. इसके अलावा जिला अस्पताल चौराहे के पास एक डॉक्टर ने भी अवैध तरीके से 3 माले की बिल्डिंग खड़ी कर ली, लेकिन उनके पास भी बीडीए से पास कराया हुआ कोई नक्शा नहीं है. इस तरीके से शहर में बड़े व्यापारियों ने बीडीए के अफसरों से मिलकर अवैध तरीके से अपनी इमारतें खड़ी कर ली, लेकिन उन्हें बोलने वाला कोई नहीं दिखा. सिर्फ एक नोटिस देकर इन अमीरों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकारियों ने ढिंढोरा पीट दिया. कार्रवाई के नाम पर गरीब के घर तक सील किए जा रहे हैं.

जिम्मेदारों ने दी सफाई
बहरहाल इस पूरे मामले को लेकर बस्ती विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और मंडल आयुक्त अनिल सागर से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शहर में जिन लोगों ने अवैध तरीके से बिल्डिंग बना ली हैं, उन पर कार्रवाई की जाएगी. सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना नक्शा पास कराए इन लोगों ने कैसे निर्माण कार्य कर लिया. वहीं बीडीए के सचिव नंदकिशोर कलाल ने कहा कि जिन लोगों ने निर्माण कार्य कर लिया है, वह सभी नक्शा पास करवाने के लिए बस्ती विकास प्राधिकरण में एप्लीकेशन दिए हैं, जिस पर कार्रवाई हो रही है. वहीं बिना नक्शा पास किए 6 माले की बिल्डिंग आखिर कैसे खड़ी हो गईं, के सवाल पर सचिव ने चुप्पी साध ली.

मुख्यमंत्री को भाजपा विधायक लिखेंगे पत्र
अब सवाल यह उठता है कि बस्ती विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण के नाम पर अमीरों और गरीबों के लिए दो मानकों पर आखिर क्यों काम कर रहा है. जिस तरह से लोगों को उम्मीद थी कि बीडीए शहर का विकास करेगा, ठीक उसके उलट प्राधिकरण शहरवासियों का ही विनाश कर रहा है. भाजपा के विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने बीडीए में फैले भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसमें हस्तक्षेप की मांग करेंगे और जिले के बड़े अधिकारियों से भी बात करेंगे कि किसी गरीब का शोषण न हो.

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