बस्ती: जिले के बहुचर्चित एपीएनपीजी कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता कबीर तिवारी हत्याकांड का खुलासा पुलिस द्वारा शनिवार को कर दिया गया. पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार करते हुए हत्या के उद्देश्य का खुलासा किया. प्रेस को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने हत्या का कारण समाज में वर्चस्व स्थापित करना बताया.
दरअसल बीजेपी नेता कबीर तिवारी और भाजयुमो के जिला मंत्री अभिजीत सिंह खुद को जिले में युवाओं के बड़े नेता के रूप में स्थापित करना चाहते थे और वो इसके लिए लगातार एक-दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास भी करते थे. जब अभिजीत अपने प्रतिद्वंदी कबीर के आगे खुद को नीचा समझने लगा तो उसने साजिश रचकर दो लड़कों से कबीर की हत्या करवा दी.
बहुचर्चित भाजपा नेता कबीर तिवारी हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा. भाजयुमो के जिला मंत्री अभिजीत सिंह ने कराई थी हत्या
भाजयुमो के जिला मंत्री अभिजीत सिंह ने दो पढ़ने वाले युवा लड़कों को मोटिवेट किया कि तुम लोगों को नाम कमाना है तो कबीर की हत्या कर दो. उसके बाद 17,000 रुपये में 3 असलहे खरीदे गए और अनुराग और अभय को असलहों की ट्रेनिंग दी गई. जिसके बाद 9 अक्टूबर को हत्याकांड को अंजाम दे दिया गया.
बहुचर्चित भाजपा नेता कबीर तिवारी हत्याकांड का खुलासा
- पुलिस ने एपीएनपीजी कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता कबीर तिवारी हत्याकांड का खुलासा शनिवार को कर दिया.
- पुलिस ने हत्याकांड के मुख्य अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया है.
- हत्या में शामिल अभय और अनुराग को मौके से ही गिरफ्तार करके धारा 3/25 आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है.
- मन्नू पांडेय उर्फ प्रशांत को एक असलहा और चार कारतूस के साथ नगर थाना क्षेत्र के मदारपुर बंधे से गिरफ्तार किया.
- बीजेपी युवा मोर्चा के जिला मंत्री और मुख्य साजिशकर्ता अभिजीत सिंह को एसटीएफ ने पकड़ कर जेल भेज दिया.
- मृतक के पिता ने आठ नामजद और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 302 में अभियोग पंजीकृत कराया था.
समाज में वर्चस्व बनाने के उद्देश्य से की गई थी हत्या
पुलिस के अनुसार उक्त घटना में तीन अभियुक्तों अभिजीत सिंह, मन्नू उर्फ प्रशान्त पाण्डेय, नवरतन उर्फ भोलू गुप्ता की संलिप्तता पाई गई. विवेचना में स्पष्ट हुआ की भोलू गुप्ता ने अभियुक्तों से पैसे लेकर असलहा उपलब्ध कराया था. अभिजीत सिंह ने आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर तिवारी के समाज में बढ़ते वर्चस्व को समाप्त करने और अपना वर्चस्व बनाने के उद्देश्य से अनुराग तिवारी, अभय तिवारी, मन्नू पाण्डेय, भोलू गुप्ता के साथ साजिश करके उक्त हत्या की घटना को अंजाम दिया.
पुलिस अधीक्षक ने घोषित किया था इनाम
घटना के समय अभिजीत और मन्नू घटना स्थल के आसपास मौजूद थे. हत्या में शामिल साथी अभियुक्तों को बचाने के लिए वह अपनी गाड़ी लेकर तैयार थे. घटना के समय अनुराग और अभय के पकड़े जाने के बाद वह गाड़ी से फरार हो गए. घटना के दौरान सभी अभियुक्तों की लगातार आपस में बात हो रही थी. मन्नू पाण्डेय बराबर अभिजीत को आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर तिवारी की लोकेशन की सूचना दे रहा था. जैसे ही कबीर तिवारी रंजीत चौराहा के पास पहुंचा कि अनुराग तिवारी औैर अभय तिवारी द्वारा आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अभिजीत और मन्नू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक बस्ती द्वारा दोनों आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था.