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बस्ती: दो साल से सैलरी के लिए भटक रहा पक्षी विहार का कर्मचारी - बस्ती ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित चंदो ताल पक्षी विहार अब जर्जर हो चुका है. करोड़ों रुपये लगाकर इसे विकसित करने के बावजूद सही देख-रेख न हो पाने के कारण यहां पर्यटक नहीं आते हैं.

पक्षी विहार के कर्मचारी को नहीं मिल रहा वेतन.
पक्षी विहार के कर्मचारी को नहीं मिल रहा वेतन.

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Published : Feb 18, 2020, 8:33 AM IST

बस्ती: वन विभाग के अभिलेख में चंदो ताल पक्षी विहार घोषित है, जिसके बाद करोड़ों रुपये लगाकर डेवलप भी किया गया. आज इसकी स्थिति बदतर हो गयी है, इसका सबसे बड़ा कारण देखभाल की कमी है. इतना ही नहीं कर्मचारी भी यहां मात्र तीन हैं, जिनको भी वन विभाग सैलरी टाइम से नहीं दे रहा. कर्मचारी दीनानाथ ने वन विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक महिला की नियुक्ति हुई है और उनको वेतन समय से मिलता है. मेरा वेतनरोक दिया गया है. इतना ही नहीं कर्मचारी को कार्य मुक्त भी करने की बात कही गयी है.

पक्षी विहार के कर्मचारी को नहीं मिल रहा वेतन.


पक्षी विहार की हालत है बदहाल
पक्षी विहार की सही देखभाल न हो पाने के कारण वह अब जर्जर स्थिति में पहुंच गया है. करोड़ों रुपये खर्च कर इसे पर्यटकों के लिए विकसित किया गया, लेकिन आज यहां आने-जाने वाला कोई नहीं. सबसे बड़ी बात ये है कि वन विभाग देखभाल को लेकर गम्भीर ही नहीं है. जो भी कर्मचारी पक्षी विहार के देखभाल के लिए तैनात हैं उसे एक साल से वेतन नहीं मिला. डीएफओ ने उसे कार्यमुक्त करने का आदेश भी सुना दिया है.

पिछले दो साल से नहीं मिला कर्मचारी को वेतन

दैनिक कर्मचारी दीनानाथ ने बताया कि जनवरी 2018 में वेतन दिया गया था, लेकिन फरवरी से वेतन तक नहीं मिला. इस मामले को लेकर जब डीएफओ से कहा गया तो, उन्होंने कहा कि हमें तुम्हारी जरूरत नहीं है. कर्मचारी ने बताया कि डीएफओ ने कहा कि हमने तुमको हटा दिया है, हमारे पास तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है. दीनानाथ ने कहा कि मेरे ऊपर कर्ज है और आज स्थिति आत्महत्या की आ गई है. उनकी जगह लालती नामक कर्मचारी को रखा गया है और उसे ही वेतन दिया जा रहा है, जबकि वह अक्सर छुट्टी पर रहती हैं.

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इसके बारे में जांच की जा रही है कि वेतन क्यों रुका है और बजट की मांग की जाएगी. ऐसी स्थिति बजट की कमी की वजह से है, जिसकी वजह से काम भी प्रभावित है, लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं कि बजट मिल जाए.

नवीन शाक्य, डीएफओ

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