बस्तीःदलितों के उत्थान के लिए योजना शुरू हुई, करोड़ों रुपये खर्च हुए लेकिन दलितों का उत्थान छोड़िए योजना का ही पतन हो गया. 2009 में प्रदेश में तत्कालीन सीएम मायावती ने अंबेडकर ग्रामों में जो योजना शुरू की थी, आज उस योजना पर ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सरकार का कार्यकाल खत्म हो गया तो योजना भी अधूरी छोड़ दी गई. जिस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च हुए, उसकी हालत देखकर आपको भी तरस आएगा. बात हो रही है डॉ. भीमराव आंबेडकर सामुदायिक केंद्र की.
भारी भरकम खर्च से डॉ. भीमराव आंबेडकर सामुदायिक केंद्र का निर्माण हुआ था. देखरेख के अभाव में अब यह बदहाल हो गया है. भवन का निर्माण पूरा होने के बाद आज तक उसकी सुध नहीं ली गई. बानगी के तौर पर विक्रमजोत ब्लॉक क्षेत्र के गांव चरथी कथिक में प्रसूताओं व बच्चों के टीकाकरण के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर सामुदायिक केंद्र बना है. विभागीय अनदेखी के चलते बसपा शासन के बाद से ही यह बंद पड़ा है. भवन का जर्जर गेट इस बात की गवाही दे रहा है कि इसका कोई पुरसाहाल नहीं है.
गौरतलब है कि बसपा शासनकाल में अंबेडकर ग्रामों का चयन हुआ था. योजना में प्रावधान था कि चयनित अंबेडकर गांव में स्वास्थ्य सुविधा के लिए मिनी अस्पताल बनाया जाएगा. उसी योजना के अंतर्गत अंबेडकर गांव में मानक के अनुसार डॉ. भीमराव अंबेडकर सामुदायिक केंद्र के नाम से मिनी अस्पताल बनवाया गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद अभी तक चिकित्सकों की नियुक्ति इस मिनी अस्पताल के लिए नहीं हो पाई. इसी तरह के सभी केंद्र, मिनी अस्पतालों की हालत जर्जर हो गई है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला लाया भी गया लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ.