बस्ती:जिला पंचायत के आवास पर लंबे समय से काबिज पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद और पूर्व मंत्री रामकरण आर्य सहित 18 लोगों के आवास को खाली करा दिया गया. इस दौरान प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद रही. पूर्व सांसद ने जबरन आवास खाली कराने का आरोप लगाते हुए प्रशासन पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है.
यह भी पढ़ें:अवैध खनन और राजस्व चोरी रोकने के लिए 33 जिलों में सचल जांच दलों का गठन
26 साल से रह रहे थे सांसद
विकास भवन के पास स्थित जिला पंचायत के आवास में पूर्व सांसद लालमणि प्रसाद 26 साल से रह रहे थे. इसी प्रकार पूर्व मंत्री राम करण आर्य सहित कुल 18 लोग भी लंबे समय से जिला पंचायत के भवन में रह रहे थे. इनमें से अधिकतर राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोग हैं. जिला पंचायत ने एक साल पूर्व ही इनके आवास को खाली करने का नोटिस दिया था. इसके बाद भी इन लोगों द्वारा आवास खाली नहीं किए गए. जिला पंचायत ने कई बार आवास खाली करने की चेतावनी दी. लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ.
पूर्व सांसद ने लगाया आरोप
जिलाधिकारी के आदेश पर जिला पंचायत के अधिकारी दलबल के साथ पहुंचे और आवासों को खाली करा लिया. हाईकोर्ट पहुंचे पूर्व सांसद लालमणि ने बताया कि वह 26 साल से जिला पंचायत के आवास में रह रहे हैं. उनका अनुबंध जुलाई 2021 तक का है. जनवरी 21 तक का किराया भी जमा है. उनके पास न तो बस्ती में कोई मकान है न ही कोई जमीन. इसके बाद भी 12 फरवरी को उन्हें आवास खाली करने का निर्देश दिया गया. आरोप है कि बैक डेट में 10 फरवरी को उनका आवंटन भी निरस्त कर दिया गया. ऐसे में उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. शासन के निर्देश पर ही आवासों को खाली कराया गया है. अब तक कुल 18 आवासों को खाली कराया जा चुका है. इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है.