बस्ती:यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल इस कदर खराब है कि अगर आप गलती से भी 102 या 108 एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए उसे किसी इमरजेंसी में अपने घर बुला रहे हैं. तो भूल जाइए क्योंकि जिस एम्बुलेंस को आप बुला रहे हैं वही आपके लिए सहूलियत के बजाय मुसीबत बन सकती है. ताजा मामला जिले के कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सामने आया है, जहां रानीपुर गांव में जब एक प्रसूता महिला को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उसके परिजनों ने 102 एम्बुलेंस को फोन कर बुलाया. जहां एम्बुलेंस पहुंची तो लेकिन गांव में ही खराब हो गई और इसके बाद ड्राइवर और उसका हेल्पर एम्बुलेंस को गांव में ही छोड़कर चले गए.
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एम्बुलेंस को गांव में ही छोड़कर चले गए ड्राइवर और हेल्पर
कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की 102 एम्बुलेंस एक हफ्ते से एक गांव में खड़ी है, इसके पीछे वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल कप्तानगंज थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव में प्रसूता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने के लिए परिजनों ने फोन किया था लेकिन एम्बुलेंस इस दौरान गांव में खराब हो गई. पांच दिन बीत जाने के बाद भी एम्बुलेंस की कोई सुध नहीं लेने आया.
ग्रामीणों ने जिम्मेदारों को इस बात की खबर दी, तो पता चला कि एम्बुलेंस का एक्सेल टूट गया था और उसे बनाने वाला मैकेनिक नहीं था. जिस वजह से ड्राइवर एम्बुलेंस गांव में खड़ी कर चला गया, क्योंकि उसे विभाग की तरफ से समय पर मैकेनिक की व्यवस्था कर के नहीं दिया गया.
वहीं कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर सचिन ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि एम्बुलेंस गर्भवती महिला को लाने के लिए गांव में गई थी और वहीं खराब हो गई, जानकारी होने के बाद एम्बुलेंस को अस्पताल मंगवाकर सही करा लिया गया है.