बस्ती: जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर पंचायत और तहसील प्रशासन द्वारा भारी पुलिस बल के साथ लगभग 30 वर्षों से कस्बे की सड़क के किनारे दुकान लगा रहे दर्जनों दुकानदारों के अवैध कब्जे को हटाया गया. नगर पंचायत की मुख्य सड़क पर इन दुकानदारों के चलते आए दिन लोग जाम की समस्या से जूझते रहते थे. आम जनमानस को आए दिन काफी दिक्कतें बाजार में आने के लिए उठानी पड़ती थी, जिसको देखते हुए नगर पंचायत व तहसील प्रशासन ने सड़क के किनारे अवैध तरीके से कब्जा किए हुए लगभग दर्जनों दुकानदारों की गुमटियों को बुलडोजर से जमींदोज कर दिया और कुछ बची हुई गुमटियों को दुकानदार खुद ही हटा लिए.
अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटरी व्यवसायियों को अपना खुद का रोजगार करने के लिए बैंक से कर्ज मुहैया करवा रहे हैं, जिससे उनकी गरीबी दूर हो. तो वहीं दूसरी तरफ उनके नुमाइंदें इन्हीं पटरी व्यवसायियों को अवैध अतिक्रमण करने के नाम पर रात के लगभग 10 बजे यह कह कर उनकी दुकानों व गिमट्टियों को हटवा दे रहे हैं कि आपने नगर पंचायत की जमीन व सड़कों पर अवैध कब्जा कर लिया है, जो गलत है. इससे आए दिन कस्बे में जाम की समस्याओं से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. नगर पंचायत के द्वारा अवैध दर्जनों दुकानदारों की गुमटियों को बुलडोजर लगा कर तोड़ दिया जा रहा है. वहीं दुकानदारों का आरोप है कि उनको बसाने की कोई प्रक्रिया नगर पंचायत व प्रशासन की तरफ से नहीं किया जा रहा है.
मुख्य सड़क के किनारे जब प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों पर बुलडोजर चलाना शुरू किया तो अवैध अतिक्रमणकारियों में खलबली मच गई. लोग अपना सामान हटाने में जुट गए, लेकिन कुछ अवैध कब्जेदारों के अतिक्रमण को प्रशासन ने जेसीबी से हटाया. लगभग एक दर्जन दुकानदारों की गुमटियों को प्रशासन ने जमींदोज कर दिया. वहीं सभी दुकानदार व समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय ने नगर पंचायत के इस रवैये के खिलाफ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नन्द किशोर कलाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और नगर पंचायत में खाली पड़ी सब्जी मंडी की जमीन पर दुकान लगाने देने की मांग की.