बरेली: विश्व गठिया रोग दिवस के मौके पर बरेली के जाने माने हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद माहेश्वरी ने मरीजों का फ्री में इलाज किया. साथ ही इस बीमारी से जुड़े बुरे प्रभावों के बारे में भी बताया. वहीं डॉ. प्रमोद ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि किस तरह से इस बीमारी से बचा जाए.
डॉ. प्रमोद माहेश्वरी ने बताया कि रूमेटॉयड अर्थराइटिस यानी गठिया और जोड़ों का दर्द ऐसी बीमारी है, जिसके होने की कोई निश्चित वजह बता पाना बहुत ही मुश्किल है. इसीलिए मेडिकल साइंस की भाषा में इसे आटो-इम्यून डिसीज कहा जाता है, जबकि आम जोड़ों के दर्द यानी अर्थराइटिस में एक बीमारी न होकर कई तरह की परेशानियां शुमार होती हैं.
उन्होंने बताया कि इनमें सूजन आना और हाथ-पैर के जोड़ों में तेजदर्द खास हैं. आमतौर पर अर्थराइटिस को बुजुर्गों की लाइलाज बीमारी माना जाता है, लेकिन यह धारणा सही नहीं है. इस बीमारी में होने वाले जोड़ों के दर्द की एक वजह रूमेटॉयड अर्थराइटिस हो सकती है. रूमेटॉयड अर्थराइटिस आमतौर पर मझौली उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाती है. यही नहीं, पुरुषों के मुकाबले चार गुणा ज्यादा महिलाएं इसकी गिरफ्त में आती हैं.