बरेली : श्रीराममूर्ति समारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रविवार को प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रसूति एवं स्त्री रोगों की जांच में डॉप्लर की भूमिका पर व्याख्यान और प्रशिक्षण दिया गया. वहीं, कार्यशाला में करीब 50 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए.
एसआरएमएस मेडिकल कालेज के सभागर में आयोजित वर्कशॉप (कार्यशाला) में गहतोरी अस्पताल की चेयरमैन और प्रसूति एवं स्त्री रोग की वरिष्ठ सलाहकार डाॅ. भारती गहतोरी ने प्रसूति एवं स्त्री रोग में डॉप्लर अल्ट्रासाउंड की भूमिका, विशेषता और इसके इस्तेमाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज भी ज्यादातर अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड के लिए 2-डी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है जबकि 2-डी अल्ट्रासाउंड मशीनों से ली गई तस्वीर को देखकर समस्या का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता. इसलिए इलाज में काफी परेशानियां आती हैं.