बरेली: भारत सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना गांव की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. जी हां गांव की महिलाएं गांव में ही रहकर रोजगार पा रही है, जिसके चलते वह अपना भरण पोषण भी अच्छे से कर रही हैं. इसी कड़ी में बरेली के बिथरी चैनपुर विकासखंड के गांव तैयतपुर में 6 स्वयं सहायता समूह ने मिलकर इंटरलॉकिंग ब्लॉक ईंट और कॉन्क्रीट पोल बनाकर गांवों के विकास में अपनी भागीदारी भी निभा रही है.
स्वयं सहायता समूह के ग्रुप में 30 से अधिक महिलाएं इंटरलॉकिंग ईंट का निर्माण कर रही है. यहां से तैयार इंटरलॉकिंग ईंट ब्लॉक के अंतर्गत गांवों के विकास कार्यों में सड़क बिछाने के काम में आ रही है. इस दौरान महिलाओं का कहना है कि हमें गांव में रहकर ही रोजगार का साधन मिल गया है, जो हमारे परिवार के भरण पोषण का सहारा बन गया है.
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