बरेली: जिले के फतेहगंज पश्चिमी इलाके में पुरानी दुकानें तोड़े जाने के दौरान कस्बे में स्थित तीन मंजिला इमारत भरभरा कर गिर गई. हादसे के दौरान बिल्डिंग के मलबे के नीचे करीब छह मजदूर भी दबे थे, जिनमें से 3 लोगों को निकाला गया है, उनमें 2 की मौत हो गई है.
सूचना के बाद मौके पर पुलिस दमकल की टीम मौजूद है और बचाव कार्य जारी है. मलबे को हटाने में स्थानीय लोग भी मदद कर रहे हैं. हादसा तकरीबन 4 बजे के आसपास हुआ है. यह बिल्डिंग पुरानी बताई जा रही है और इसमें कई लोग रहते थे.
मलबे को हटाने के लिए दो जेसीबी और एक क्रेन लगाई गई है. सभी लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास जारी है. थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह पचौरी, चौकी प्रभारी फतेहगंज पश्चिमी दुष्यंत गोस्वामी अधीनस्थों के साथ रेस्क्यू में लगे हुए हैं. बता दें कि फतेहगंज पश्चिमी कस्बे में कुछ जगहों पर काफी सालों से दुकानें मौजूद हैं जिन्हें तोड़कर उनकी जगह बेसमेंट खड़ा करने की तैयारी चल रही है.
जानकारी के मुताबिक यहां पुरानी दुकानों को तोड़ने का काम चल रहा था. इसी दौरान पड़ोस की तीन मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई और हादसा हो गया. रेस्क्यू के दौरान एक मजदूर शकील को निकाल लिया गया है तीन लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिसको लेकर रेस्क्यू जारी है. आला अधिकारी, क्षेत्रीय विधायक, डॉ. डी सी वर्मा मौके पर मौजूद हैं.
सूचना पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एडीएम (ई) वीके सिंह, एसपी (देहात) राजकुमार अग्रवाल, सीओ मीरगंज सुनील कुमार राय, तहसीलदार मीरगंज अरविंद कुमार तिवारी मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्यों में लगे पुलिसकर्मियों के साथ पब्लिक को उत्साहित किया.
घटना में किसी तरह बचे शकील ने सुनाया पूरा वाकया
मलबे में दबने कर निकले बाहर घायल शकील ने घटना का पूरा वाक्य ईटीवी भारत से बयां किया. मजदूर शकील ने बताया कि बुधवार को धर्मेंद्र और जाहिद दोनों में मिस्त्री के साथ बेसमेंट में काम कर रहे थे. लगभग 11 फीट गहरा बेसमेंट खोदा जा चुका था कि तभी अचानक पास वाला मकान तीनों के ऊपर गिर पड़ा. अचानक गिरे मकान के मलबे में तीनों दब गए. चीख-पुकार मचने लगी, हर ओर से बचाने और मदद मांगने की आवाजें आने लगीं.
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पर दो मंजिला मकान का मलबा गिरने के चलते कोई उनकी आवाज नहीं सुन पा रहा था. इसके बाद बेसमेंट में मलबे के नीचे दबे शकील ने अपनी जेब में रखे मोबाइल फोन से अपने घर वालों को घटना की सूचना दी. लगातार अपने जीवित होने की बात कर जल्दी बाहर निकालने की गुहार लगाता रहा. कई घंटे तक मलबे के नीचे दबे रहने के बाद जिंदा बाहर निकलने वाला मजदूर शकील खुद का नया जीवन मान रहा है. ऊपर वाले को धन्यवाद दे रहा है.
दो की हुई मौत
बेसमेंट में काम कर रहे धर्मेंद्र और जाहिद की मलबे में दबने के चलते मौत हो गई. रेस्क्यू की टीम ने घंटों रेस्क्यू करने के बाद मलबे के नीचे से दोनों को बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया दोनों की मौत के बाद उनके घर में कोहराम मच गया है. धर्मेंद्र और जाहिद दिहाड़ी पर मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे.
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल ने बताया की फतेहगंज पश्चिमी में बेसमेंट में काम के दौरान पास का दो मंजिला मकान गिर गया. इसके मलबे में 3 मजदूर दब गए. सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर 7 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे तीनों मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया. इसमें से दो की मौत हो गई जबकि एक का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.