बरेली:अगर आपका बच्चा मोबाइल फोन से पढ़ाई करता है तो जरा उस पर ध्यान रखिएगा. कहीं ऐसा न हो कि पढ़ाई के दौरान ऑनलाइन गेम के चक्कर में पड़ जाए. क्योंकि इन दिनों साइबर अपराधियों की नजर बच्चों पर है, जो आसानी से इनके शिकार भी बन जा रहे हैं. खैर, बरेली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां बरेली जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने अवध असम एक्सप्रेस में घरवालों से बिना बताए बिहार जा रहे छात्र को बरामद किया है, जो ऑनलाइन गेम में बने दोस्त के साथ 30000 की ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया था और उसी ठगी के पैसों के लेने के लिए पंजाब से बिहार जा रहा था.
इधर, घरवालों ने छात्र के अपहरण होने की सूचना जीआरपी को दी थी. फ्री फायर ऑनलाइन मोबाइल गेम खेलने का एक छात्र को ऐसा चस्का लगा कि वह गेम अकाउंट बनाने के बाद 30000 की ठगी का शिकार हो गया. ठगी का शिकार करने वाला आरोपी बिहार का रहने वाला था, जबकि छात्र पंजाब के बठिंडा का रहने वाला है.
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अपने साथ हुई ठगी के पैसे वापस लेने के लिए छात्र घरवालों से बिना बताए ट्रेन में सवार होकर बिहार के लिए निकल गया. जिसके बाद उसके घरवालों ने उसके अपहरण की सूचना पुलिस को दी. अपहरण की सूचना मिलते ही गुरुवार को बरेली जीआरपी ने जंक्शन से अवध असम एक्सप्रेस में सफर कर रहे कक्षा 10वी के छात्र जैसन प्रीत को बरामद कर लिया है.
पंजाब के बठिंडा का रहने वाला छात्र जैसन प्रीत हाई स्कूल का छात्र है और उसके पिता ने उसको ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक मोबाइल दिया था. छात्र पढ़ाई करने के साथ-साथ उसमें पिछले 2 महीने से ऑनलाइन गेम खेलने लगा और उसी दौरान फ्री फायर गेम में ऑनलाइन गेम खेलते वक्त उसकी दोस्ती बिहार के साहिल से हो गई. जैसनप्रीत को गेम आईडी और महंगे कपड़ों का लालच देकर उसके साथ पंद्रह 15000 रुपये दो बार में लेकर 30000 की ठगी की.
बरेली जीआरपी को कंट्रोल रूम से मिली सूचना
वहीं, बरेली जीआरपी के थाना प्रभारी टीकम सिंह ने बताया कि मुरादाबाद जीआरपी पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता से सूचना मिली थी कि पंजाब के बठिंडा निवासी प्रीतम का बेटा जैसन प्रीत को अगवा कर अवध असम एक्सप्रेस से कहीं ले जाया जा रहा है. जिसके बाद जीआरपी ने छात्र जैसन प्रीत की फोटो और आईडी बरेली जीआरपी को भेजे.
इसके बाद बरेली जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने प्लेटफार्म के वेंडरों को छात्र की फोटो दिखा कर उसकी घेराबंदी शुरू कर दी और जैसे ही गुरुवार को अवध असम एक्सप्रेस बरेली जंक्शन पहुंची, तभी वेंडर रामगोपाल और संतोष ने एस 5 कोच में बैठे छात्र जैसन प्रीत को पहचान लिया और उसे जीआरपी की टीम ने उतारकर थाने ले आई.
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