बरेली:उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों की जो आम धारणा होती है कि सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग अच्छी नहीं होती. इतना ही नहीं उनके क्लासरूम भी बदहाल हालत में होते हैं पर इस आम धारणा को बरेली के माध्यमिक शिक्षा विभाग के 24 विद्यालयों में बन रहे 120 स्मार्ट क्लास ने बदल कर रख दिया है. जहां प्रोजेक्टर पर इंटरनेट के माध्यम से योग्य शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों को रूम में पढ़ाया जा रहा है.
बरेली के माध्यमिक शिक्षा विभाग के 24 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कायाकल्प योजना के तहत क्लासरूम को स्मार्ट क्लास रूम बनाया गया है. जिसमें छात्राओं को पढ़ने के लिए प्रोजेक्टर लगाया गया है और विद्यार्थियों को बैठने के लिए फर्नीचर भी डाला गया है जिस पर योग्य शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से प्रोजेक्टर के सहारे विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं.
बरेली के राजकीय हाईस्कूल और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सहित माध्यमिक शिक्षा विभाग के 24 कॉलेजों को स्मार्ट कॉलेज के रूप में तैयार किया गया है. जिसमें बरेली के 20 ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेज और 4 शहरी क्षेत्र के कॉलेज के 120 क्लास रुम को स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं. जिन स्मार्ट क्लासरूम में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है ताकि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को राजकीय इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र भी पढ़ाई में मात दे सकें. इतना ही नहीं प्राइवेट कॉलेजों से बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट क्लासरूम में योग्य शिक्षक इंटरनेट के माध्यम से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा देने की कोशिश में लगे हैं. स्मार्ट क्लासरूम में प्रोजेक्टर के सहारे पढ़ने में जहां विद्यार्थी रुचि दिखा रहे हैं तो वहीं उनको पढ़ाने वाले शिक्षक भी आधुनिक उपकरणों से विद्यार्थियों को देने में हर वक्त तैयार रहते हैं.
बरेली के जिला अधिकारी नीतीश कुमार की पहल पर कायाकल्प योजना के तहत बरेली जिले में 24 माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में 120 स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं. स्मार्ट क्लास रूम में विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए प्रोजेक्टर के साथ-साथ अत्याधुनिक फर्नीचर को लगाया गया है. इतना ही नहीं क्लासरूम को बेहतर वातावरण देने के लिए टाइल लगाकर और रंगाई पुताई कर चमकाया गया है.