बरेली : भोजीपुरा थाने के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अशोक कुमार को रिश्वत में मोबाइल फोन मांगना महंगा पड़ गया. ग्राम प्रधान की शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने प्रारंभिक जांच के आधार पर आरोपी इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर (inspector line spot) करते हुए निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आरोप है कि इंस्पेक्टर ने कार्रवाई करने के एवज में बतौर रिश्वत (bribe) एक ग्राम प्रधान से 59 हजार रुपये कीमत वाले मोबाइल फोन की मांग की थी.
यह था मामला
दरअसल, थाना भोजीपुरा क्षेत्र स्थित ग्राम रूपपुर के ग्राम प्रधान नाजिम अली ने 5 मई को पंचायत चुनाव के प्रतिद्वंदी रहे मोहम्मद यूसुफ और उसके समर्थकों पर मारपीट का आरोप लगाकर संबंधित थाने में अभियोग पंजीकृत कराया था. प्रकरण में पुलिस ने एनसीआर दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. ग्राम प्रधान नाजिम अली का आरोप था कि उनके समर्थक को मारपीट में गंभीर चोटें आईं थी. इसके बावजूद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धाराएं नहीं बढ़ाईं.
ग्राम प्रधान ने भोजीपुरा थाना के थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर अशोक कुमार से मामले में उचित धाराएं बढ़ाकर आरोपियों पर कार्रवाई करने की गुजारिश की. आरोप है कि इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के एवज में बतौर रिश्वत ग्राम प्रधान से एक मोबाइल फोन मांगा. इंस्पेक्टर साहब ने बाकायदा प्रधान नाजिम के व्हाट्सएप पर 59 हजार रुपये कीमत वाले मोबाइल फोन का मॉडल नंबर और कलर बताकर मैसेज कर दिया. जब ग्राम प्रधान ने इतनी कीमत का फोन देने से मना किया तो इंस्पेक्टर ने उसे देख लेने की धमकी दी.
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एसएसपी से ग्राम प्रधान ने की थी शिकायत
ग्राम प्रधान नाजिम अली ने इंस्पेक्टर की घूस में मोबाइल मांगने की लिखित शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण से की थी. एसएसपी ने आरोप की गंभीरता को समझते हुए नवाबगंज थाने से मामले की जांच कराई. प्रारंभिक जांच में इंस्पेक्टर दोषी पाए गए. लिहाजा, एसएसपी ने घूसखोर इंस्पेक्टर अशोक कुमार को लाइन हाजिर कर दिया.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि इंस्पेक्टर पर लगे आरोप प्रारंभिक जांच में सही पाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें लाइन हाजिर कर दिया है. उनके निलंबन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. जल्द ही विभागीय कार्रवाई कर निलंबित कर दिया जाएगा.