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एक महीने में ही फट गए स्कूली बच्चों को बांटे गए जूते - shoes distributed in council school

यूपी सरकार परिषदीय स्कूलों के बच्चों को नि:शुल्क जूते और यूनिफॉर्म बांटने के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है. लेकिन, जिले के स्कूलों में बच्चों को बांटे गए जूतों की खरीद में घपले का आरोप लग रहा है. यहां छात्रों में बांटे गए जूते एक महीने में ही फट गए.

वितरण किए गए जूते महीने भर में फटे
वितरण किए गए जूते महीने भर में फटे

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Published : Feb 14, 2021, 10:11 AM IST

बरेली : जिले के परिषदीय स्कूलों के छात्रों को बांटे गए जूतों की खरीद में गड़बड़ी का आरोप लग रहा है. आरोप है कि, यहां छात्रों के खराब क्वालिटी के जूटे बांटे गए, जिसकी वजह से वे एक महीने में फट गए. बताया जा रहा है कि, जनवरी में छात्र-छात्राओं को जूते-मोजे का वितरित किए गए थे. लेकिन, ये जूते एक महीना भी नहीं चल सके और फट गए.

बच्चे नहीं गए स्कूल फिर भी फट गए जूते

बरेली जिले में 2,894 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं. इसमे लगभग 1.50 लाख विद्यार्थियों को जनवरी में जूते और मोजो का वितरण किया गया था. इन जूतों की कीमत 87.40 रुपये तय की गई थी. सरकार ने हरियाणा की प्लास्टिक इंडस्ट्रीज को इसकी जिम्मेदारी दी थी. बरेली के भुता ब्लॉक के एक स्कूल में छात्र-छात्राओं के जूते फट गए है. इसकी शिकायत बच्चों ने स्कूल के टीचर्स से की. बच्चों ने बताया कि जनवरी में इन जूतों का वितरण हुआ था. कोविड 19 के चलते स्कूल की छुट्टियां ही हैं. इसके बावजूद ये जूते एक महीना भी नहीं चल सके.

घोटाले की आशंका

वहीं एक प्रधानाध्यापक ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि जूतों की गुणवत्ता सही नहीं थी. विद्यालय के कई छात्रों के जूतों की सिलाई खुल गयी हैं और ऊपर से फट गए है. जूते की खरीद फरोख्त में घोटाला हुआ है. इसकी जांच होनी चाहिए.

इसको लेकर बीएसए विनय कुमार का कहना है कि जनवरी में परिषदीय विद्यालयों में जूते-मोजों का वितरण हुआ था. वितरण करने वाली एजेंसी और जूतों की क्वालिटी आदि शासन से ही तय हुई थी. इसके बावजूद मामले की जांच कराकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.

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