बरेली:जिले में आपने कुत्तों को रोटी देने वाले तो कई देखे होंगे, लेकिन ऐसा कोई नहीं देखा होगा जो आवारा कुत्तों के लिए अपना पूरा जीवन उनके ही नाम कर दे. बता दें कि एक महिला ऐसी भी हैं जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन आवारा कुत्तों के नाम कर दिया है. बीमार कुत्तों का इलाज करना हो या भूखे कुत्तों को खाना खिलाना हो, इस काम में ये हमेशा आगे रहती हैं.
बेसहारा कुत्तों का सहारा बनीं शिवानी. बता दें कि बरेली की शिवानी पाल ने अपना सारा जीवन इन आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए लगा दिया है. यहां तक कि कुत्तों की देख-रेख के लिए इन्होंने शादी तक नहीं की. इस काम को करके उन्होंने जीवों के प्रति प्रेम की एक अनूठी मिसाल कायम की है. कोलकाता से पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद नौकरी करने की जगह शिवानी ने अपने घर वापस आकर अपने पिता की तरह ही अपना सम्पूर्ण जीवन जीव प्रेम में लगा दिया. तबसे लेकर आज तक वह सिर्फ आवारा कुत्तों की देखभाल ही कर रही हैं.
शिवानी पिता की तरह कर रहीं पशुओं की देखभाल
वहीं जब शिवानी पाल से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना है कि मेरे पिता भी इसी तरह से जानवरों की सेवा करते थे. यह संस्कार उन्हें अपने पिता से मिला है. हालांकि उनके पिता ने उनको शादी करने के लिए बहुत कहा, लेकिन शिवानी ने जानवरों की देखभाल करने के चलते शादी से इनकार कर दिया.
जिले के लिए मिशाल बनीं शिवानी
शिवानी बरेली के लिए एक मिसाल बनी हुई हैं, जिन्होंने जानवरों की देखभाल के लिए अपना सारा जीवन समर्पण कर दिया. अब देखना यह है कि इनके त्याग भावना का कितना असर लोगों पर पशु प्रेम के प्रति देखने को मिलता है. उनके इस मैसेज से समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है.
सड़कों पर घूमते आवारा कुत्तों को मैं प्यार से रखती हूं. उनके खाने -पीने से लेकर दवा तक का ध्यान भी रखती हूं और सही समय पर उनका इलाज भी कराती हूं. मैं 66 साल की हो गई हूं, लेकिन आज भी मुझमें जानवरों की सेवा करने का वही जज्बा और जुनून है. इन कुत्तों का सारा खर्चा मैं ट्यूशन पढ़ाकर उठाती हूं.
-शिवानी पाल, पशु प्रेमी