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कोरोना संक्रमण के प्रभावों को समझने के लिए की जाएगी सीरो कंवर्जन स्टडी

बरेली में अलग-अलग समय पर कोरोना संक्रमित हुए लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा है. इस बारे में अब स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अलग-अलग स्थानों से मंडल के जिलों से दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित हुए लोगों के सैम्पल कलेक्ट कर अध्ययन किया जाएगा.

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Published : Jun 16, 2021, 11:30 AM IST

संक्रमण की सीरो कंवर्जन स्टडी
संक्रमण की सीरो कंवर्जन स्टडी

बरेलीः स्वास्थ्य विभाग मंडल के जिलों से दूसरी लहर में संक्रमित हुए लोगों के सैम्पल कलेक्ट कर अध्ययन करेगा. जिसमें इस बात का पता लगाया जाएगा कि अलग-अलग समय पर कोरोना संक्रमित हुए लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा है. सीरो स्टडी के लिए कोरोना संक्रमण की लहर को तीन भागों में बांटकर अंतर समझा जाएगा.

कोरोना महामारी का जीवन पर प्रभाव

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा है. इस बारे में आप सीरो स्टडी के लिए अलग-अलग जगहों से बरेली मंडल में सैंपल कलेक्ट किए जाएंगे. वहीं बरेली से भी अलग-अलग समय पर संक्रमण के शिकार हुए लोगों के सैंपल लिए जाने हैं.

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से सतर्क स्वास्थ्य महकमा

अलग-अलग समय पर संक्रमित रहे लोगों पर किया जा रहा रिसर्च

दरअसल शासन की ओर से सीरो कन्वर्जन के लिए अलग से सैंपल देने के लिए स्वास्थ्य विभाग को दिशा निर्देश दिए गए हैं. मंडलीय नोडल अधिकारी डॉक्टर अखिलेश्वर सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के संक्रमितों के शरीर में किस-किस तरह के बदलाव हुए और एंटीबॉडी का स्तर क्या रहा और वो कितने दिनों तक प्रभावी रहे ऐसे ही कई सवालों के जवाब स्वास्थ्य विभाग तलाश रहा है.

कार्यालय अपर निदेशक

अलग-अलग स्थानों से कलेक्ट होंगे सैम्पल

उन्होंने बताया कि पिछले दिनों में भी सीरो कन्वर्जन स्टडीज शुरू की गई थी. जिसके तहत मंडल भर से कुल 744 लोगों के सैंपल लिए गए थे. जिन्हें जांत के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. मंडलीय नोडल अधिकारी ने बताया कि तब बरेली के 42 लोगों पर ये स्टडी की गई थी. मंडलीय सर्विलांस अधिकारी अखिलेश्वर सिंह ने बताया कि इस बार 28 और लोगों पर ये स्टडी बरेली में की जानी है.

संक्रमण के प्रभावों को समझने के लिए सीरो कंवर्जन स्टडी के लिए

तीसरा लहर से पहले की तैयारी

तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस स्टडी को पहले की तैयारी बताया जा रहा है. कोरोना संक्रमण की लहर को तीन भागों में बांटा है. जिनमें मई 2020 से सितम्बर तक, अक्टूबर 2020 से दिसंबर तक और जनवरी 2021 से अप्रैल तक. महकमे के जिम्मेदार बताते हैं कि स्टडी करने से पहले बकायदा लोगों से सम्पर्क साधा जाता है. उसके बाद उनकी सहमती के आधार पर सैंपल लिए जाते हैं.

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मंडलीय नोडल अधिकारी ने बताया कि रैपिड रिस्पॉस टीम को प्रशिक्षित किया गया है. ये संक्रमित हो चुके लोगों के सैंपल इकट्ठा करेंगे और डाटा तैयार करेंगे. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम ये जानने में जुटी है कि क्या अलग-अलग संक्रमित हुए लोगों में एंटीबॉडी बनने का स्तर भी अलग-अलग है. अगर है तो उनमें क्या अंतर आया है.

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