बरेलीःसोमवार को फिर शहर की फिजा को मुहब्बत की खुशबू से तर करने का मौका मिला. बकरीद पर सौहार्द के सावन की घटा यही संदेश लेकर आई, यह नजारा बेहद दिलचस्प रहा. एक तरफ मंदिरों से घंटियों की आवाजें गूंजीं. गंगा से लाए जल से भक्तों ने भोले का जलाभिषेक किया. दूसरी ओर मस्जिदों से अजान की सदा आई.
गोरखपुर: बकरीद की नमाज अदा कर अकीदतमंदों ने दिया भाईचारे का संदेश
अकीदतमंदों ने ईदगाह-मस्जिदों में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज अदा की. भारतीय संस्कृति में रची-बसी गंगा-जमुनी तहजीब के ये वो अनमोल लम्हें हैं, जब हिंदू-मुस्लिम एक साथ अपनी भक्ति-अकीदत में लीन रहे.
सौहार्द का जल
तुम भी पियो-हम भी पिएं रब की मेहरबानी-प्यार के कटोरे में गंगा का पानी... भारतीय संस्कृति की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शातीं शायर मंजर भोपाली की यह लाइनें जीवंत हो उठीं. भोले के भक्तों का काफिला गंगाजल लेकर शहर में दाखिल हुआ. उनकी सेवा के लिए मुस्लिम समाज के बजुर्ग-नौजवान जुटे थे. मुस्लिम बुजुर्ग शिवभक्तों को बड़ी आत्मीयता के साथ पानी पिलाते नजर आए. सौहार्द के सावन का खूबसूरत नजारा कैमरे में कैद हो गया.