बरेलीःजिले में समाजवादी पार्टी का तीन दिवसीय मंडल स्तरीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. शुक्रवार को शिविर का अंतिम दिन है. इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट कर रही है. साथ ही इसे विधानसभा चुनाव-2022 की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है. खास बात ये है कि अखिलेश यादव खुद इस शिविर में कार्यकर्ताओं को जीत के टिप्स दे रहे हैं. कार्यकर्त्ताओं का मोबाइल तक भी शिविर में ले जाना प्रतिबंधित है. मीडिया को भी इस कार्यक्रम से दूर रखा जा रहा है.
अखिलेश यादव ने समझाईं तमाम बातें 20 जनवरी को शुरुआत
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेशभर में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मिशन-2022 के तहत एकजुट करना शुरू कर दिया है. बरेली में भी तीन दिवसीय समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत 20 जनवरी को हुई थी. इसमें मंडल भर के तमाम कार्यकर्ता यहां पहुंचे हैं.
पहुंचे छोटे-बड़े सभी नेता, आज समापन
शुक्रवार को शिविर का तीसरा और अंतिम दिन है. इससे पहले गुरुवार को दोपहर के बाद अखिलेश यादव खुद भी बरेली पहुंचे थे. शुक्रवार को भी वह शिविर में शामिल हुए और तमाम दिशानिर्देश दिए. कार्यक्रम से मीडिया को दूर रखा गया है. वहीं कार्यकर्ताओं को भी बिना मोबाइल के ही इस आयोजन में आने की अनुमति है. इस आयोजन में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और पूर्व सांसद से लेकर तमाम छोटे-बड़े कार्यकर्ता शिरकत कर रहे हैं, लेकिन कोई भी कुछ भी बोलना नहीं चाहता. पूर्व मंत्री हो चाहे पार्टी के बड़े नेता, प्रशिक्षण शिविर पर मीडिया से चर्चा करने से कतरा रहे हैं. कई नेताओं ने तो कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से मना तो किया ही साथ ही ये भी कहा कि भैया (अखिलेश यादव ) ही बोलेंगे जो बोलेंगे.
दिए जा रहे जीत के मंत्र
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कार्यकर्ताओं को पब्लिक से कनेक्ट होने, सपा शासनकाल के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए तो बताया ही जा रहा है, साथ ही कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहने के बारे में दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं.
मोबाइल फोन पर भी है प्रतिबंध
कुछ कार्यकर्ताओं से इस बाबत बात करने की कोशिश की तो वह कहते हैं कि कार्यक्रम का मकसद है 2022 के चुनाव में जीत. उसी पर शिविर में कार्यकर्ताओं को जागरूक किया जा रहा है. कार्यकर्ताओं ने बताया कि मोबाइल फोन लेकर प्रशिक्षण कैंप में जाने पर भी रोक है.