बरेली: महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने दीक्षांत समारोह से पहले 2020 के 88 टॉपर्स की सूची जारी कर दी है. उस सूची में विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध महाविद्यालयों के टॉपर्स में 70% छात्राओं का दबदबा रहा है. कुल 88 टॉपर्स में से 62 छात्राएं और 26 छात्र शामिल हैं. टॉपर छात्रों को दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत किया जाना प्रस्तावित है.
यूनिवर्सिटी की छात्राओं का प्रदर्शन छात्रों से बेहतर
बरेली के MJPRU में वर्ष 2020 में छात्राओं ने छात्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार मानते हैं कि मार्च माह में विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का आयोजन हो सकता है, तब सभी टॉपर्स को पदक दिए जाएंगे. इस बारे में विद्यालय की ओर से एक पत्र भी राज्यपाल को भेजा जा चुका है, जिसमें 10 मार्च से 20 मार्च के बीच की तारीख तय करने के लिए अनुरोध किया गया है.
दीक्षांत समारोह के आयोजन को लेकर हो चुकी कुलपति की बैठक
बता दें कि कुलपति की अध्यक्षता में हो चुकी बैठक में भी दीक्षांत समारोह को लेकर कई निर्णय लिए जा चुके हैं. जिनमें से ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आयोजन की तैयारी की जा रही है. साथ ही ड्रेस कोड भी पहले से ही फाइनल कर दिया गया है. अब राजभवन से अनुमति मिलने का इंतजार है. जिम्मेदारों की मानें तो राजभवन से अनुमति मिलने के बाद भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस बारे में विधि संकाय के प्रभारी और यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर अमित सिंह ने कहा कि सभी दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं. छात्राओं का प्रदर्शन यह दिखाता है कि वह अधिक गम्भीरता और लगन से अध्ययन कर रही हैं.
किसी भी छात्र को जारी सूची को लेकर आपत्ति दर्ज कराने का है समय
कुलपति के पी सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि अब 2020 के टॉपर्स के बारे में सूची जारी कर दी गई है. टॉपर्स की सूची को लेकर किसी को कोई संशय हो या कोई अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता हो, तो उसके लिए भी विश्वविद्यालय की तरफ से 1 मार्च तक का समय निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि 1 मार्च के बाद किसी भी तरह का कोई दावा या आपत्ति स्वीकार नहीं किए जाएंगे. एक मार्च के बाद इसी सूची को फाइनल सूची मान लिया जाएगा. बता दें कि जो सूची जारी की गई है उस लिस्ट में बरेली कॉलेज के छात्रों ने बीएससी, बीएड समेत कई पाठ्यक्रमों में टॉप किया है, जबकि बीटेक के अधिकांश पाठ्यक्रमों में विश्वविद्यालय से संचालित पाठ्यक्रमों के छात्रों ने ही बाजी मारी है.