बरेली: जिले के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने एक अनूठी पहल करते हुए कोविड-19 महामारी से दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को उनके आवास पर जाकर विश्वविद्यालय प्रतिनिधि द्वारा ढाई लाख रुपये की सहायता राशि का चेक प्रदान किया गया है. यह सहायता राशि का चेक दिवंगत के परिजनों को सौंपा गया है.
रोहिलखंड विश्वविद्यालय की अनोखी पहल, दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को दी गई सहायता राशि
कोरोना महामारी में लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई. ऐसे ही कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गवाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के दिवंगत शिक्षकों के परिजनों की विश्वविद्यालय प्रशासन ने सहायता राशि देकर उनकी मदद की एक पहल की है.
कोरोना महामारी में लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई. ऐसे ही कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान गवाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के दिवंगत शिक्षकों के परिजनों की विश्वविद्यालय प्रशासन ने सहायता राशि देकर उनकी मदद की एक पहल की है. सहायता राशि दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को शिक्षक कल्याण कोष से प्रदान की गई है. पूर्व के दिनों में विश्वविद्यालय में इस प्रकार की सहायता राशि उपलब्ध करवाने की विश्वविद्यालय नियमावली में कोई प्रावधान नहीं था. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह द्वारा इस संबंध में पूर्व में एक कमेटी गठित कर शिक्षक कल्याण कोष हेतु नियमावली तैयार करवाई गई, जिसके पश्चात जुलाई सन 2021 में विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया एवं इस व्यवस्था को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने तत्काल लागू कर दिया.
प्रत्येक दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को एकमुश्त धनराशि ढाई लाख रुपये (2,50,000) का चेक दिया गया. विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रतिनिधि द्वारा डॉ. नीलम पत्नी स्वर्गीय डॉक्टर सत्य प्रकाश, श्रीमती मीनाक्षी सक्सेना पत्नी स्वर्गीय डॉक्टर संदीप कुमार, श्रीमती मंजू सिंह पत्नी स्वर्गीय प्रोफेसर योगेंद्र प्रसाद एवं डॉ. अलका रानी अग्रवाल पत्नी स्वर्गीय डॉक्टर राजीव कुमार अग्रवाल को चेक उनके आवास पर वितरित किया गया.
विश्वविद्यालय की इस पहल का हर कोई स्वागत कर रहा है. इस पहल से कोरोना संक्रमण से अपनों की जान गवाने वाले शिक्षकों के परिजनों को कहीं न कहीं सहायता राशि से मदद भी मिलेगी.