बरेली: श्रीराममूर्ति स्मारक ट्रस्ट के अलखनंदा रिसॉर्ट में शनिवार को दो दिवसीय संगीत कार्यशाला का शुभारंभ ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति और सचिव आदित्य मूर्ति ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यशाला में इटावा घराने के जाने माने सितार वादक शाकिर खान ने विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत की बारीकियों से रूबरू कराया.
इस मौके पर देव मूर्ति ने कहा कि संगीत एक ऐसी कला है जो बिना गुरु के मार्गदर्शन के अधूरी भक्ति के समान है. संगीत साधना में वो शक्ति है जो किसी भी लड़ाई को समाप्त करने की क्षमता रखती है. भारत में संगीत का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है लेकिन आजकल के वेस्टर्न म्यूजिक ने शास्त्रीय संगीत को हाशिए पर लाने का काम किया है. ऐसे में भारतीय शास्त्रीय संगीत को संरक्षण देकर बढ़ाने की जरूरत है.