बरेली: एमजेपी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमित वर्मा ने कोविड-19 महामारी के दर्द को पांच किताबों में लिखकर उभारा है. प्रोफेसर अमित वर्मा ने पहली किताब कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान लिखनी शुरू की थी और उसके बाद अब तक वह पांच किताबों को लिखकर प्रकाशित करा चुके हैं.
कोरोना के दौर के दर्द को अपनी किताबों में उकेरा, लोग कर रहे तारीफ - कोरोना महामारी
कोरोना महामारी से कई परिवार टूट गए. किसी ने अपने पिता को खोया तो किसी ने मां को, तो वहीं कोई अनाथ हो गया. देश दुनिया के बड़े-बड़े डॉ. इस महामारी से बचने के उपाय तो बता ही रहे हैं साथ ही कुछ डॉ. कोरोना से जूझे परिवारों की असहनीय पीड़ा को अपनी किताब में कलमबद्ध किया है. एमजेपी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अमित वर्मा ने कोविड-19 महामारी के दर्द को पांच किताबों में लिखा है.
वहीं, प्रोफेसर अमित वर्मा ने अपनी किताबों में कोविड-19 और आयुर्वेद के बीच के संबंध को भी बताने की कोशिश की है. साथ ही उन्होंने हर्बल दवाओं की भी अपनी पुस्तक में जानकारी दी है. इतना ही नहीं प्रोफेसर अमित वर्मा अपनी किताब में कोरोना वारियर रहे डॉक्टर-फार्मेसिस्ट-नर्स और पुलिसकर्मियों के कार्य को भी उतारा है. प्रोफेसर अमित वर्मा के द्वारा लिखी गई दूसरी किताब में कोरोना के मरीज को दी जाने वाली दवाओं का जिक्र करते हुए उनके फायदे और नुकसान को बताया गया है.
किताब के माध्यम से बीपी, डायबिटीज जैसे लक्षणों की समस्याओं को भी समझाने का प्रयास किया गया है. इन पांचों किताबों को लोग भी पसंद कर रहे हैं. लोग इनको पढ़कर कोविड-19 के दौर को समझने की कोशिश में लगे हैं. हर कोई प्रोफेसर अमित वर्मा के द्वारा लिखी गई किताबों की तारीफ कर रहा है.