बरेली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोबारा सत्ता संभालते ही अल्पसंख्यक समुदाय पर ध्यान देना शुरू कर दिया है. इसके तहत पहले अल्पसंख्यक छात्रों की स्कॉलरशिप को बढ़ाकर 5 लाख किया गया. तो वहीं अब बरेली उलेमाओं को भी नौकरी देने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
ईटीवी भारत से बातचीत करते मौलाना शहाबुद्दीन. सरकार ने मांगी लिस्ट- केंद्र सरकार ने देवबंद दारुल उलूम के बाद सुन्नी बरेलवी मसलक के उलेमाओं से संपर्क किया है.
- केंद्र सरकार ने बरेलवी मसलक के 100 से ज्यादा आलिम, कामिलों की लिस्ट मांगी है.
- ऐसे डिग्रीधारी लोगों को भारतीय सेना में धर्मगुरु बनाने की तैयारी शुरू हो गई है.
- ऑल इंडिया तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन ने सरकार के इस कदम की सराहना की.
मौलाना शहाबुद्दीन ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा,
- केंद्र सरकार के दूत की हैसियत से सेना के जनरल देवबंद गए थे, इसका हम लोग स्वागत करते हैं.
- सरकार की तरफ से ऐसा प्रस्ताव हमारे पास भी आया है, जिसमें सुन्नी सूफी उलेमाओं की भर्ती की बात है.
- केंद्र सरकार की यह पहल उलेमाओं के लिए अच्छा मौका है.
- पहली बार किसी सरकार ने यह फैसला लिया है.
- इस मौके का फायदा उठाकर काबिल और सलाहियत उलेमा तरक्की करेंगे.
मौलाना ने पीएम मोदी को सराहा
- मौलाना शहाबुद्दीन ने केंद्र की मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि यह सरकार अल्पसंख्यक की हिमायती है.
- सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास से सरकार अच्छा काम करेगी.
- उन्होंने बताया कि करीब 100 लोगों की लिस्ट मांगी गई है, जो जल्द तैयार की जाएगी.