बरेली:जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाली धनराशि यहां अपात्रों और सरकारी कर्मचारियों के खाते में पहुंच जाने का मामला सामने आया है. जब कर्मचारियों और अपात्र किसानों ने कृषि विभाग के दफ्तर में जाकर जब इस बारे में बताया तो विभाग में हड़कंप मच गया.
केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उम्मीद के साथ की थी कि इससे किसानों को आर्थिक सहयोग खेती किसानी में किया जा सकेगा. निश्चित तौर पर साफ मंशा के साथ सरकार ने ये योजना अन्नदाता को राहत पहुंचाने के लिए शुरू की थी, लेकिन बरेली में जो मामला निकल कर सामने आया है. वह काफी हैरान करने वाला है.
अपात्रों के खाते में सम्मान निधि का पहुंचा पैसा
जनपद में 35 अपात्रों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किस्त पहुंच गई और इसका पता किसी को भी नहीं चला, लेकिन जब जागरूक लोगों और कुछ सरकारी कर्मचारियों ने इस बारे में अपने अकाउंट में आए पैसे का विवरण देखा, तो उन्हें जानकारी हुई कि यह पैसा पीएम किसान सम्मान निधि योजना का है.
35 लोगों ने खुद कृषि विभाग को किया सूचित
अफसरों की मानें तो कृषि विभाग के दफ्तर में अब तक 35 ऐसे लोगों ने सम्पर्क किया है जिनके खाते में किसान सम्मान निधि की रकम पहुंच गई है. उपकृषि निदेशक ने बताया कि जिन लोगों के खाते में ये रकम गलती से गई है उनमें कई तो सरकारी कर्मचारी भी हैं. सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से किसानों को लाभान्वित करने की सरकार की मंशा थी, लेकिन जिस तरह से बरेली में 35 अपात्रों के खाते में यह रकम पहुंच गई. जांच होने पर ही स्पष्ट हो सकेगा कि अभी और तो अपात्रों के खाते में रकम नहीं पहुंची है. हो सकता है अभी इसमें और भी कुछ गड़बड़ी जांच के बाद पकड़ी जा सके, लेकिन कहीं न कहीं समझा ये समझा जा सकता है कि लापरवाही इसमें कृषि विभाग के डाटा फीड करने वाले लोगों की तरफ से हुई है या फिर किसी और स्तर से, लेकिन समझा जा सकता है कि सबकुछ ठीक तो नहीं है.
10 लोगों ने जमा कराए सरकार के खाते में वापस पैसे
उप कृषि निदेशक अशोक कुमार का कहना है कि उनके ऑफिस में आकर लोगों ने संपर्क किया और कई कर्मचारियों ने भी संपर्क किया और उन्हें बताया गया कि उनके खाते में यह रकम पहुंच गई है. इतना ही नहीं उनका यह भी दावा है कि 10 अपात्र तो यह पैसा वापस सरकार के खाते में भी जमा करा चुके हैं, जिनमें कई तो सरकारी कर्मचारी भी हैं.