बरेली:बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के किसी स्कूल में एडमिशन के लिए छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की लाइन लगती हो, ऐसा नजारा शायद ही आपने कभी देखा होगा. आपने सरकारी स्कूल की शायद ही ऐसी बिल्डिंग देखी हो, जो टाइल्स से चमक रही हो और क्लास रूम में एसी और प्रोजेक्टर लगाकर बच्चों को पढ़ाने की तैयारी हो. जी हां! बरेली में बेसिक शिक्षा विभाग का एक ऐसा ही स्कूल है, जिसे चमकती टाइल्स से सजाया गया है और क्लासरूम में प्रोजेक्टर लगाकर फर्नीचर की व्यवस्था की गई है. यह सरकारी स्कूल मॉडर्न तरीके से बनाया गया है. इसमें एडमिशन के लिए निजी स्कूल के अभिभावक भी मारामारी कर रहे हैं.
बरेली के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने मिशन कायाकल्प के तहत जिले के सभी सरकारी स्कूलों को संवारने का अभियान शुरू किया था. इसी कड़ी में बरेली के बड़े उद्योगपति हाजी शकील कुरेशी ने जसौली के प्राथमिक स्कूल को संवारने का जिम्मा लिया, जिसके बाद स्कूल की पुरानी इमारतों को गिराकर लगभग 2 करोड़ खर्च कर मॉडर्न तरीके से नया स्कूल बनाकर तैयार किया गया है. यहां आधुनिक क्लास रूम, मार्डन शौचालय, कैंटीन, बगीचा और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं. इस स्कूल को नया रूप देकर बनाया गया है.
बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग जसौली के (Bareilly Basic Education Department Jasuli) प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है, जिसमें छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 16 कक्षाएं बनाई गई हैं. प्रत्येक कक्षा में प्रोजेक्टर और सुंदर फर्नीचर लगाया गया है. इतना ही नहीं क्लासरूम को एयरकंडीशनर बनाया गया है.
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प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा बेसिक शिक्षा विभाग का स्कूल
स्कूल की फर्स, दीवार और कमरों की चमकती टाइल्स से स्कूल की बिल्डिंग बहुत ही खूबसूरत लग रही है. बेसिक शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. बिल्डिंग को देखकर ऐसा नहीं लगता कि यह कोई उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय है.
निजी स्कूलों से सरकारी स्कूल में एडमिशन ले रहे छात्र
बेसिक शिक्षा विभाग के इस मॉडर्न स्कूल बनने के बाद निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अब इस स्कूल में एडमिशन के लिए लाइन में लग रहे हैं. एडमिशन के लिए प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का आना जारी है. यह शायद बेसिक शिक्षा विभाग का पहला ऐसा स्कूल होगा, जहां अभिभावकों की एडमिशन के लिए लाइन लग रही हो.