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जुमा मगफिरत अशरे की हुई शुरुआत, रोजेदार खुदा से मांगते हैं गुनाहों की माफी - bareilly news

रमजान का महीना इबादत का महीना होता है, जिसमें रोजेदार खुदा से अपने सुख-दुख की गुहार लगाता है. वहीं रमजान को तीन अहम भागों में भी बांटा गया है, जिसमें रोजेदार खुदा से गुनाहों की मांफी मांगता है.

बरेली हज सेवा समिति के अध्यक्ष.

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Published : May 18, 2019, 4:51 AM IST

Updated : May 18, 2019, 7:51 AM IST

बरेली: रमजान का पाक महीना चल रहा है. 7 मई से शुरू हुए इस पाक महीने के दूसरे जुमा से मगफिरत अशरे की शुरुआत शुक्रवार से हो गई है. रमजान के महीने में इबादत करने वाला सब कुछ पा सकता है, बशर्ते उसकी इबादत में रब को राजी करने की वो खूबियां हों, जो अल्लाह को पसंद हैं.

जानकारी देते पम्मी खान वारसी.

क्या है रमजान का महत्व:

  • शुक्रवार से दूसरे जुमा से मगफिरत अशरे की हुई शुरूआत.
  • रमजान के महीने में 10 दिन तक अशरा मगफिरत चलता है.
  • अशरा मगफिरत में रोजेदार खुदा से गुनाहों की मांफी मांगता है.
  • रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिसे अशरा कहा जाता है.

रमजान का पाक महीना हम सबको मदद और नेकी करने की भी सीख देता है. रमजान को तीन हिस्सों में बांटा गया है. रमजान का पहला 10 दिन रहमत का होता है. दूसरा 10 दिन गुनाहों की मांफी मांगने का होता है. तीसरा अशरा जहन्नम की आग से निजात पाने के लिए होता है.
-पम्मी खान वारसी, अध्यक्ष, हज सेवा समिति

Last Updated : May 18, 2019, 7:51 AM IST

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