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एक फायर स्टेशन पर शहर का भार, आखिर क्यों नहीं जाग रही सरकार - जिला प्रशासन बरेली

उत्तर प्रदेश का बरेली शहर लगभग 44 लाख की आबादी वाला है, लेकिन यहां पर बढ़ती आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. क्योंकि शहर की आबादी के लिए मात्र दो फायर स्टेशन हैं, जिनमें से एक औद्योगिक क्षेत्र के लिए है.

आग की घटनाओं पर काबू पाने नहीं पुख्ता इंतजाम.

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Published : Oct 31, 2019, 7:28 PM IST

बरेली: केंद्र सरकार ने बरेली शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी. इस शहर को स्मार्ट बनाने के लिए मॉल कई बड़े शोरूम, होटल, हॉस्पिटल और स्कूल-कॉलेज बनाए गए हैं. साथ ही इनमें स्मार्ट सुविधाएं देने की कवायद शुरू हो चुकी है. लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि इन सभी कॉलेज, होटलों में फायर सेफ्टी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है. जिससे आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. बता दें कि शहर में मात्र दो फायर स्टेशन हैं. जिसमें से एक सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र के लिए रिजर्व है.

आग की घटनाओं पर काबू पाने नहीं पुख्ता इंतजाम.

आग की घटनाओं पर काबू पाने नहीं पुख्ता इंतजाम

  • शहर में अभी तक कई बड़ी आग की घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन फायर सेफ्टी को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए.
  • शहर में मात्र दो फायर स्टेशन हैं, जिनमें एक सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र के लिए है
  • दूसरे फायर स्टेशन से ही शहर में किसी आग की घटनाओं को काबू करने की कोशिश की जाती है.
  • शहर के अंदर कई ऐसे पुराने मोहल्ले हैं, जहां फायर की गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं .
  • शहर में आग की घटनाओं में काबू पाने के लिए तीन से चार फायर स्टेशन बनाने की मांग लगातर की जा रही है.
  • जिला प्रशासन आग की बढ़ती घटनाओं के बावजूद फायर स्टेशन बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा.

होटल हॉस्पिटल और स्कूल कॉलेजों में जाकर फायर की शिक्षा भी देते हैं. मौजूदा समय में दो स्टेशनों पर पूरे शहर का भार है. शासन को हमने इस बारे में लिखा है कि हमें शहर के तीन स्थानों पर जमीन उपलब्ध कराई जाए, जहां फायर स्टेशनो का निर्माण हो, जिससे शहर की सुरक्षा पूरी तरह से हो सके.
-चंद्र मोहन शर्मा, फायर ऑफिसर

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