बरेली: लोगों को ठंड से बचाने के लिए बनाए गए जिला अस्पताल के रैन बसेरे में अव्यवस्थाएं हावी हैं. सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ने के बाद भी अब तक रैन बसेरे में रात गुजारने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. कहने को अस्पताल में दो जगह रैन बसेरे बनाए गए हैं मगर एक में भी सुविधाएं पूरी नहीं हैं.
जिला अस्पताल के रैन बसेरे में नहीं हैं सुविधाएं. रैन बसेरे में नहीं है सुविधाएं
- रैन बसेरे में पसरी पड़ी अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
- इस वजह से लोग इन रैन बसेरों मे रात गुजारना नहीं चाह रहे हैं.
- रैन बसेरे में न तो ठंड से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था है, न ही रजाई-गद्दे हैं.
- कुछ के पलंगों पर गद्दे डलवाए गए हैं, मगर वे भी फटे हुए और बदबूदार हैं.
- हालत ये है कि रैन बसेरे में टूटी खिड़कियों के कांच तक नहीं लगवाए गए, न इन खिड़कियों पर पर्दे लगे हैं.
नगर निगम ने नहीं भेजी लकड़ी
- लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने के लिए नगर निगम की ओर से हर साल रैन बसेरों को लकड़ी भेजी जाती है.
- इस साल अब तक नगर निगम की तरफ से लकड़ी भी नहीं मिल पाई है.
- लकड़ी का इंतजाम न होने से अलाव जलाने की व्यवस्था भी शुरू नहीं हो सकी है, जिसको लेकर लोग परेशान हैं.
जिलाधिकारी के कड़े निर्देश पर भी नहीं हो रहा काम
- हैरत की बात है कि रैन बसेरों का यह हाल जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बाद का है.
- पिछले दिनों जिला अस्पताल के निरीक्षण को आए डीएम नितीश कुमार ने रैन बसेरे को बंद देखकर कड़ी नाराजगी जताई थी.
- उन्होंने जल्द रैन बसेरों में इंतजाम पूरे कर उन्हें खोलने के निर्देश दिए थे.
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- डीएम की सख्ती के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने आनन- फानन में रैन बसेरों के ताले खुलवाकर वहां फटे ही सही मगर गद्दे डलवा दिए.
- 20 लोगों का इंतजाम जिला अस्पताल परिसर में दो जगहों पर रैन बसेरे बनवाए गए हैं.