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बरेली की 'मैरीकॉम' ने नेशनल चैंपियनशिप में बनाई अपनी जगह, हासिल किया सिल्वर मेडल

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Published : Oct 8, 2019, 11:49 PM IST

उत्तर प्रदेश के बरेली में मीमांसा पांडेय ने जिले का नाम ऊंचा करते हुए नेशनल चैंपियनशिप में बॉक्सिंग में अपनी जगह बनाई. वहीं मीमांसा ने स्टेट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल भी हासिल किया.

मीमांसा पांडेय.

बरेली: तालीमें नहीं दी जातीं परिदों को उड़ानों की, वे खुद तय करते हैं, ऊंचाई आसमानों की. अंतरराष्ट्रीय फलक पर दस्तक दे रहीं राष्ट्रीय बॉक्सिंग खिलाड़ी मीमांसा पांडेय पर ये लाइनें सटीक बैठती है. मीमांसा शहर की इकलौती महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पदक जीतने में कामयाबी हासिल की है.

मीमांसा पांडेय ने बनाई नेशनल चैंपियनशिप में अपनी जगह.
मीमांसा की खास बात यह है कि यह कामयाबी उन्होंने महज दो साल की मेहनत में हासिल की है. वहीं मीमांसा से अब शहर की उम्मीदें भी काफी बढ़ गई हैं. पूरा शहर यही चाहता है कि मीमांसा के मुक्के की धमक ओलंपिक में गूंजे और वह देश के लिए मेडल जीतकर लाए. मीमांसा कोहाड़ापीर की रहने वाली है.मीमांसा के बॉक्सर बनने की कहानी काफी रोचक है.
वह बताती हैं कि वह वर्ष 2018 में जब नौंवी में थीं तो रोज स्टेडियम में सुबह और शाम वॉक करने जाती थीं. इसी बीच वहां उनकी मुलाकात बॉक्सिंग कोच शैवर अली से हुई. कोच ने उनको बॉक्सिंग सीखने की सलाह दी. मीमांसा को यह बात अच्छी लगी और अगले दिन से ही उसने बॉक्सिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी और देखते-देखते वह तीन माह में राष्ट्रीय खिलाड़ी बन गईं.

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वहीं प्रैक्टिस शुरू करने के तीन माह के अंदर मीमांसा ने स्टेट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया और इसी दौरान नेशनल चैंपियनशिप के लिए उसका चयन हुआ. इसके बाद वह इंडिया कैंप तक पहुंची, जहां देशभर से महज 40 खिलाड़ियों को ही पहुंचने का मौका मिलता है. वहीं उसने लगातार दूसरी बार अपनी सफलता का सिलसिला जारी रखा है.

वहीं इस बार स्टेट में गोल्ड और नेशनल में कांस्य हासिल कर मीमांसा जिले की पहली महिला बॉक्सर बन गईं, जिसने नेशनल चैंपियनशिप में मेडल हासिल किया. रोहतक में चलने वाले इंडिया कैंप के लिए भी उनका चयन हो गया है. इसमें अगर बेहतर परफॉर्मेंस रहा तो उन्हें हंगरी में आयोजित होने वाली इंटरनेशनल चैंपियनशिप में प्रतिभाग करने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही वह खेलो इंडिया में भी प्रतिभाग करेंगी. मीमांसा खेल के साथ पढ़ाई में भी तेज है. मीमांसा के पिता के अनूप पांडेय जो की पेशे से एमआर हैं और मां विनीता पांडेय जिला अस्पताल में काउंसलर हैं.

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