बरेली:जिले में सरकार श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए मजदूरों को उनके गृह जनपद भेजने का दावा कर रही है, लेकिन अभी तक मुट्ठी भर मजदूरों की ही घर वापसी हो पाई है. देश के कई हिस्सों से सैकड़ों मजदूर आज भी अपने घरों के लिए पैदल रवाना हो रहे हैं. सरकार की ओर से मनाही के बावजूद अब भी लोग पैदल सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं क्योंकि सरकार से इन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है.
बरेली: कड़ी धूम में सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे मजदूर - खाने को तरस रहे मजदूर
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन बढ़ने पर मजदूरों ने अपने घर पैदल ही जाने का फैसला किया. सरकार से कोई मदद नहीं मिलने के बाद इन मजदूरों ने यह कदम उठाया. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब इन मजदूरों से बात की तो उनका दर्द छलक उठा.
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मजदूरों को नहीं मिल रही मदद
सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है लेकिन मजदूरों तक मदद नहीं पहुंच रही है. जिससे परेशान मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए पैदल चल रहे हैं. लॉकडाउन के लगातर बढ़ने की वजह से यह लोग अब अपने घर पहुंचना चाहते हैं. चलते-चलते थक जाने पर इन्होंने फुटपाथ पर ही अपना आशियाना बना लिया.
कई राज्यों से पहुंचे मजदूर
ईटीवी भारत ने हरियाणा, दिल्ली, मुंबई और राजस्थान से आए कई मजदूरों से बात की और उनकी परेशानी जानी. राजस्थान से आए करीब 14 मजदूर पिछले चार दिनों से जिले के परसाखेड़ा में फंसे हुए हैं. फुटपाथ पर सोने को मजबूर इन सभी मज़दूरों को करीब 30 किलोमीटर दूर नवाबगंज जाना है, वहीं दिल्ली से चले आठ मजदूरों का परिवार पैदल चलकर और लोगों से मदद मांगकर बरेली पहुंचा है और इन्हें अभी करीब 70 किलोमीटर का रास्ता तय कर बदायूं के वजीरगंज जाना है.