बरेली: जिले में बुजुर्ग एक बुजुर्ग की हालत खराब होने पर घर वाले उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल वालों को जब पता चला कि बुजुर्ग के पास आयुष्मान योजना का कार्ड है तो उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया. परेशान परिजन अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन बुजुर्ग को किसी ने भर्ती नहीं किया. जिससे इलाज के अभाव में बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया.
बरेली: आयुष्मान कार्ड देखकर प्राइवेट अस्पतालों ने किया इलाज से इंकार, बुजुर्ग की मौत
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक गरीब बुजुर्ग की इलाज के अभाव में मौत हो गई. आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मृतक बुजुर्ग को निजी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल सका.
प्रेमनगर थाना क्षेत्र के रहने वाली नाजिया खान ने बताया कि उनके पिता मतलूब हुसैन की अचानक तबियत खराब हो गई थी. परिजन उन्हें निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन आयुष्मान कार्ड का पता चलने पर अस्पताल वालों ने बहाना बनाकर भर्ती करने से मना कर दिया. जिसके बाद परिजन उनको लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कहीं भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया और उन्होंने दम तोड़ दिया.
प्रभारी मंत्री से की शिकायत
मृतक मतलूब हुसैन की बेटी नाजिया खान ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से हमें उम्मीद थी कि उनके पिता का इलाज हो जाएगी, लेकिन अस्पताल वालों की बेरुखी से उनके पिता की जान चली गई. मृतक की परिजन इमालदा परवीन ने कहा कि आगे से किसी गरीब परिवार के साथ ऐसा न हो इसके लिये शासन प्रशासन को अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
कार्रवाई का भरोसा
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.