बरेली: बरेली की पूर्वोत्तर रेलवे इज्जत नगर मंडल प्रशासन ने घने कोहरे के समय संरक्षित ट्रेन चलाने के लिए इज्जत नगर मंडल के समस्त क्रू लॉबियों में 162 अत्याधुनिक एंटी फॉग डिवाइस को उपलब्ध कराया गया है. जिन्हें लोको पायलट ट्रेन में लेकर जाते हैं और ड्यूटी समाप्त होने पर दोबारा क्रू लॉबी में लाकर जमा कर देते हैं.
घने कोहरे में ट्रेन चला रहे लोको पायलट को ट्रेन चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था और कभी-कभी ट्रेन की गति इतनी कम करनी पड़ती थी. जिसके चलते ट्रेन कई-कई घंटे विलंब से चलती थी. इतना ही नहीं कभी-कभी कोहरे के चलते लोको पायलट को सिग्नल नहीं दिखाई देते थे. जिसके चलते कई बार लोको पायलट को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. कोहरे के चलते आगे आने वाले सिग्नल और क्रॉसिंग की जानकारी न मिलने के कारण ट्रेन चला रहे लोको पायलट, ट्रेन को बहुत ही कम स्पीड में चला कर सिग्नल और क्रॉसिंग को देखते थे.
फॉग सेफ्टी डिवाइस से लैस होंगे लोको पायलट एन्टी फॉग डिवाइस के लगने के बाद ट्रेन चला रहे लोको पायलट को 1 किलोमीटर पहले ही सिग्नल और क्रॉसिंग की जानकारी डिवाइस के माध्यम से मिल जाती है. डिवाइस ट्रेन की रूट पर आने वाले सिग्नल के आने से पहले अलार्म बजाकर लोको पायलट को सतर्क कर देता है. इतना ही नहीं ट्रेन से आगे सिग्नल या क्रॉसिंग की दूरी कितनी है इसको भी डिवाइस लगातार बताता रहता है, जिसके चलते ट्रेन चला रहे लोको पायलट को ट्रेन की गति को पहले से कम नहीं करना पड़ता और जरूरत पड़ने पर डिवाइस के द्वारा मिल रहे निर्देशों के आधार पर ट्रेन की गति को नियंत्रित कर सुरक्षित ट्रेन को चलाते रहते हैं. बरेली के पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि इज्जत नगर मंडल की क्रू लॉबियों में 162 अत्याधुनिक एंटी फॉग डिवाइस लोको पायलट के लिए उपलब्ध करा दी गई है और जरूरत के हिसाब से लोको पायलट ड्यूटी पर जाने से पहले एंटी फॉग डिवाइस अपने साथ लेकर जाते है. अब कोहरे के कारण नहीं लेट होंगी ट्रेनें उसे ट्रेन के इंजन में रखकर जीपीएस के माध्यम से ट्रेन के रास्ते में आने वाले सिग्नल क्रॉसिंग और स्टेशन की दूरी की जानकारी प्राप्त करते रहते हैं. डिवाइस के माध्यम से मिलने वाली निर्देशों के आधार पर ही ट्रेन की स्पीड को लोको पायलट कंट्रोल कर ट्रेन को चलाते हैं, ताकि समय की बर्बादी न हो सके और ट्रेन अपने निर्धारित समय पर निर्धारित स्टेशन पर पहुंच सके. एंटी फॉग डिवाइस लगने के बाद कितना भी गाना कोरा हो ट्रेन चला रहे लोको पायलट को सिग्नल और क्रॉसिंग की दूरी के बारे में पल-पल खबर मिलती रहती है जिसके चलते ट्रेन के संचालन में देरी होने की संभावना कम रहती है.एंटी फॉग डिवाइस ग्लोबल प्रोसेसिंग सिस्टम पर आधारित है यह डिवाइस के माध्यम से रेलगाड़ी के सभी सिग्नल एवं क्रॉसिंग की जानकारी पहले से ट्रेन चला रहे पायलट को मिल जाती है, इतना ही नहीं एंटी फॉग डिवाइस के माध्यम से लोको पायलट को 500 मीटर पहले सिंगल और क्रॉसिंग की जानकारी डिवाइस के माध्यम से मिल जाती है , ट्रेन के इंजन में लगी डिवाइस के माध्यम से सिंगल आने से 1 किलोमीटर पहले ही डिवाइस का अलार्म बजने लगता है. साथ ही डिवाइस के माध्यम से सिग्नल क्रॉसिंग और स्टेशन की दूरी भी डिवाइस में आती रहती है.
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लोको पायलट यश पाल सिंह ने बताया कि एंटी फॉग डिवाइस जीपीएस के माध्यम से काम करती है और इस डिवाइस के लगने के बाद घने कोहरे में भी सिग्नल क्रॉसिंग की कितनी दूरी ट्रेन से है वह लगातार मिलती रहती है, जिससे ट्रेन चलाने में काफी सहायता मिलती है. पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के सहायक लोको पायलट अमित कुमार ने बताया कि इस डिवाइस के लगने के बाद कितना भी घना कोहरा हो, ट्रेन की स्पीड पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ता, डिवाइस लगातार आगे आने वाले सिग्नल, क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशन की दूरी को बताता रहता है. डिवाइस के द्वारा बताई गई सिग्नल क्रॉसिंग या रेलवे स्टेशन की दूरी के आधार पर ही ट्रेन की गति को रखते हैं. ताकि समय की बर्बादी से बचा जा सके.
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