बरेलीः बरेली की कोर्ट (Bareilly Court) ने एक मंदिर के पुजारी की हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने दस हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. पुजारी ने दोषी को चिलम पिलाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद दोषी ने पुजारी पर लोहे की राड से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इलाज के दौरान पुजारी की मौत हो गई थी. इस मामले में कोर्ट ने एक साल के भीतर फैसला सुना दिया.
बरेली के क्युलड़िया थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव में शिव मंदिर के 65 वर्ष के पुजारी शिशुपाल रहते थे. मंदिर में पूजा पाठ के साथ-साथ मंदिर की देखभाल करते थे. 17 अक्टूबर 2022 की रात को देश नगर का रहने वाला जयपाल मंदिर के पुजारी शिशुपाल के पास पहुंचा और चिलम पिलाने की मांग करने लगा.
पुजारी ने चिलम पिलाने से इनकार कर दिया. जयपाल पर कुछ दिन पहले ही मंदिर से एक घंटा भी चुराने का आरोप लगा था. दोनों में विवाद हो गया, जिसके बाद आरोपी जयपाल ने लोहे की राड से पुजारी के सिर पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया. घायल पुजारी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई दिन बाद उसकी मौत हो गई. इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपी जयपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इतना ही नहीं उसके साथ के गुड्डू और महेंद्र को भी हत्या में शामिल होने की बात कहते हुए जेल भेज दिया.
1 साल में ही अदालत ने सुनाया फैसला
17 अक्टूबर 2022 को मंदिर की पुजारी की चिलम ना पिलाने के चक्कर में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और मामला कोर्ट में विचाराधीन था जहां सरकारी वकील पांडे ने अदालत में 11 गवाह पेश किए. इसके बाद अप्रिशिएसन जज 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने जयपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 10000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. उसके दो साथियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया.
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