बरेली:कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन घोषित है. इस दौरान रोजी-रोटी की आस खत्म होने पर अपने घरों के लिए निकले प्रवासी मजदूरों को सरकार की बदइंतजामी, बेरूखी और पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही राज्यों की सरहदें भी उनका रास्ता रोक खड़ी हो गई हैं.
रेलवे लाइन के रास्ते हिमाचल से आते प्रवासी मजदूर. सैकड़ों मजदूर जगह-जगह फंसे हुए हैं. लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं. तमाम मजदूर रोके जाने की डर से नेशनल हाईवे की बजाय गांव की सड़कों और पगडंडियों से होकर जा रहे हैं.
बॉर्डर पर रामपुर व बरेली पुलिस के बीच नोकझोंक. हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा की सरहद को पार कर जब बिहार के मजदूर किसी तरह बरेली-रामपुर बॉर्डर पर पहुंचे, तो यहां सरहद पर खड़ी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उनके लिए बाधा बन गए. यूपी की सीमा पार कर बिहार पहुंचने के लिए उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि वे 14 दिन क्वारंटाइन रह चुके हैं तो उन्हें अब क्यों रोका जा रहा. उनके पास क्वारंटाइन की रिपोर्ट भी है.
प्रवासी मजदूरों के करना पड़ रहा दिक्कतों को सामना. रामपुर जनपद की मिलक कोतवाली पुलिस प्रवासी मजदूरों को हाईवे छोड़ देहात इलाकों के खेतों की पगडंडी और रेलवे लाइन के रास्ते बरेली जनपद में प्रवेश कराने में जुटी हुई है. वहीं बरेली की मीरगंज थाना पुलिस ने इलाके में मुख्य प्वाइंटों पर पुलिस पिकेट लगा रखी है, जो कि इन रास्तों से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों को रोककर उन्हें फिर से रामपुर जनपद की सीमा पर छोड़ने का काम कर रही है.
बरेली: बेजुबान जानवर के साथ क्रूरता का वीडियो आया सामने, दरिंदगी में पुलिसकर्मी भी शामिल
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उन्हें आदेश मिला है कि रामपुर की तरफ से आ रहे प्रवासी मजदूरों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करना है, लेकिन रामपुर प्रशासन मजदूरों को नहीं रोक रहा है. बरेली रेड जोन घोषित है. इसलिए हम किसी भी कीमत पर मजदूरों को बॉर्डर क्रास नहीं करने देंगे.